डिजिटल युग में तकनीक के प्रयोग ने बहुत सारे काम को काफी आसान बना दिया है. लेकिन इन्हीं तकनीकों का उपयोग अपराधी अपने गलत कामों के लिए भी कर रहे हैं. कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से सामने आया है. यहां साइबर ठगों ने सोशल मीडिया का उपयोग करके एक महिला को 1 करोड़ 48 लाख रुपये का चूना लगा डाला. इन शातिर ठगों ने महिला को तीन दिन डिजिटल तरीके से उसके घर में हाउस अरेस्ट भी रखा. साइबर ठगी करने वाले सारे अपराधियों का कॉन्फिडेंस लेवल ऐसा था कि महिला अंतिम समय तक उनको पहचान नहीं पायी. जब पैसे चले गए तो पीड़िता शिकायत लेकर शहर के जॉर्ज टाउन थाने पहुंची. पुलिस ने मामले में जांच शुरू की तो परत दर परत पूरा खेल समझ में आया.
प्रयागराज के जॉर्ज टाउन इलाके में काकोली दास नाम की बुजुर्ग महिला रहती हैं. उनके पति की कई साल पहले डेथ हो चुकी है, जो एक इनकम टैक्स अधिकारी थे. उनकी एक बेटी है, जो विदेश में रहती है. काकोली अपने घर में अकेले रहती थीं. गत 23 अप्रैल को उन्हें एक अनजान नंबर से फोन आया. कॉल करने वाले शख्स ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अफसर बताया और काकोली दास से कहा कि ताइवान से आपके नाम का पार्सल आया है, जिसमें 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग, 3 तीन क्रेडिट कार्ड और 5 लैपटॉप हैं. फोन करने वाले ने काकोली से कहा कि हमें आपके बैंक खातों की जांच करनी है और आपको इसमें हमारा पूरा सहयोग करना पड़ेगा.
क्राइम ब्रांच का डीसीपी बनकर किया वीडियो कॉल
काकोली दास ने पुलिस को बताया कि वह इस कॉल के बाद बुरी तरह डर गईं और अपने बैंक खाते की पूरी डिटेल कॉल करने वाले शख्स को दे दी. अब उनके नंबर पर एक वीडियो कॉल आया. दूसरी ओर से पुलिस के ड्रेस में एक शख्स ने काकोली से बात की और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का डीसीपी बताया. इसके बाद उसने महिला के बैंक खातों की डिटेल, दस्तावेजों पर साइन लिया. कुछ ही देर में काकोली दास के बैंक खातों से 1 करोड़ 48 लाख रुपये कट गए. नकली डीसीपी बनकर वीडियो कॉल करने वाले शख्स ने बुजुर्ग महिला को जांच के नाम पर घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी और वह तीन दिन तक अपने घर में बंद रहीं.
पुलिस ने मामले में 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार
चार दिन बाद जब पीड़ित काकोली दास को पता चला कि वह ठगी की शिकार हो गई हैं, तो उन्होंने प्रयागराज के जॉर्ज टाउन थाने में तहरीर दी. पुलिस ने जांच शुरू की और जिस अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए थे उनके बारे में पता लगाया. प्रयागराज पुलिस के साइबर सेल ने बहुत तत्परता के साथ काम करते हुए जिन चार बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर हुए थे, उनके अकाउंट होल्डर्स को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने चारों से कड़ाई से पूछताछ की, ठगों ने सारे राज उगल दिए. पुलिस की जांच में पता लगा कि इन साइबर ठगों के तार प्रयागराज से लेकर नेपाल और थाईलैंड तक जुड़े हुए हैं. शाहजहांपुर से पकड़े गए एक आरोपी अमरपाल ने पुलिस को बताया कि उसे एक एजेंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था.
फोन में APK फाइल डालकर लेते थे रिमोट एक्सेस
पुलिस ने अमरपाल के मोबाइल का सीडीआर चेक किया और उसकी जिनसे-जिनसे बात हुई थी, उन सभी को एक-एक कर अरेस्ट किया. मामले में पकड़े गए एक अन्य आरोपी मिथिलेश ने भी कई अहम खुलासे किए हैं. पकड़े गए अपराधियों ने पुलिस को बताया कि बैंकॉक, थाईलैंड और नेपाल में बैठकर साइबर क्राइम को अंजाम दिया जाता है. पकड़े गए अन्य आरोपियों में ए कुमार और राजेश कुमार शामिल हैं, जो क्रमश: नोएडा और दिल्ली के रहने वाले हैं. इन्होंने पूछताछ में बताया कि लोगों के वाट्सऐप और टेलीग्राम पर एपीके फाइल भेजकर उन्हें ठगी का शिकार बनाया जाता है. लोगों को फोन कॉल पर उलझाकर ये ठग उनसे ये एपीके फाइल डाउनलोड कराते थे, उसके बाद उनके फोन का रिमोट एक्सेस लेकर ठगी का शिकार बनाते थे. ठगी के पैसे अलग-अलग बैंक खातों में डाले जाते थे और उन पैसों को अलग-अलग जगह से निकलवाया भी जाता था.