चंडीगढ़। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ऑनलाइन कोचिंग देने वाले इंस्टीट्यूट एक्स्ट्रा मार्क्स एजुकेशन पर 20 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। इसके साथ शिकायतकर्ता के 45 हजार 70 रुपये नौ प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है। नई दिल्ली स्थित ऑनलाइन कोचिंग इंस्टीट्यूट एक्स्ट्रा मार्क्स एजुकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ सेक्टर-7 निवासी वीरेंद्र प्रसाद सिंह ने आयोग को शिकायत दी थी।
आयोग को दी शिकायत में वीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि नई दिल्ली के एक्स्ट्रा मार्क्स एजुकेशन इंडिया प्राइवेट के कर्मचारी ने टेलीफोन पर उनके साथ संपर्क किया और बताया कि इंस्टीट्यूट बच्चों को ऑनलाइन कोचिंग देता है, जिससे उनकी पढ़ाई में अच्छे अंक आते हैं। शिकायतकर्ता ने कर्मचारी को पूरी प्रक्रिया जानने के लिए घर बुलाया। कर्मचारी उनके घर आया और शिकायतकर्ता के 10वीं में पढ़ने वाले बेटे से मिला। कर्मचारी ने बताया कि ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करने के सात दिन बाद ही उनके बेटे की पढ़ाई में सुधार आ जाएगा। कोचिंग क्लास के लिए 52 हजार फीस बताई। इसके लिए 10 हजार 400 रुपये डाउन पेमेंट (नकद) करने को कहा और 41 हजार 600 रुपये 12 माह में 3,467 रुपये की मासिक किस्तों में देने को की बात कही। इंस्टीट्यूट कर्मी ने आश्वासन दिया कि कोचिंग के बाद अगर बच्चे की पढ़ाई में सुधार नहीं हुआ तो पूरी फीस वापस कर दी जाएगी।
शिकायतकर्ता ने बेटे का दाखिला कराते हुए 10,400 रुपये का नकद भुगतान कर दिया। इसके बाद 41,600 रुपये की शेष राशि के भुगतान के लिए इंस्टीट्यूट ने उन्हें लोन दिलाया, लेकिन उन्हें यह बताया ही नहीं गया कि लोन किस फाइनेंस कंपनी से किया गया है। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि कोचिंग इंस्टीट्यूट ने कभी भी ऑनलाइन कक्षाएं शुरू ही नहीं कीं। वहीं, बिना उनकी मंजूरी के ईएमआई की चार किस्तें भी काट ली। शिकायतकर्ता ने कहा कि बिना कोई सुविधा दिए इंस्टीट्यूट ने उनसे रुपये ले लिए। इसलिए उन्होंने मामले की शिकायत आयोग को दी। वहीं, इंस्टीट्यूट की तरफ से शिकायत पर जवाब देने के लिए कोई पेश नहीं हुआ। इस पर आयोग ने शिकायतकर्ता के हक में फैसला सुनाया।