पंजाब की सियासत में महिलाएं
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पंजाब में महिलाओं की आबादी पुरुषों के लगभग बराबर ही है, लेकिन राजनीति में उनकी हिस्सेदारी नाममात्र ही है। पंजाब की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव-2024 में एक भी महिला प्रत्याशी को चुनावी मैदान में नहीं उतारा है।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पार्टी प्रमुख सुखबीर बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल को छोड़कर किसी अन्य महिला नेता को प्रत्याशी नहीं बनाया है। शिअद में एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जगीर कौर ने हाल ही में पुरानी नाराजगी दूर कर दोबारा पार्टी का दामन थामा था, इसके बावजूद उन्हें प्रत्याशी के तौर पर नहीं उतारा गया। उन्हें अब जालंधर लोकसभा सीट से इंचार्ज बनाया गया है।
कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो महिला प्रत्याशियों को उतारा है। पंजाब में कुल मतदाताओं की संख्या के आधे के करीब महिलाएं हैं। इसके बावजूद राजनीतिक दलों में महिलाओं कह हिस्सेदारी खत्म होती जा रही है। अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो पिछले तीन साल में 56 के करीब महिलाओं को मौका मिला, जो पुरुषों के मुकाबले काफी कम है, लेकिन इसमें से भी सात महिलाएं ही जीत दर्ज कर संसद पहुंच पाई हैं।
आप और शिअद के मुकाबले प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा ने महिला प्रत्याशियों के रूप में मजबूत चेहरों पर खुलकर भरोसा जताया है। कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर को पटियाला से और पूर्व आईएएस परमपाल कौर को बठिंडा से प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा ने 13 में से 9 सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। भाजपा में अभी तक दो महिला उम्मीदवारों को उतारा है।
कांग्रेस ने फरीदकोट से अमरजीत कौर को और होशियारपुर से यामिनी गोमर को टिकट दिया है। बता दें यामिनी गोमर ने 2014 में आम आदमी पार्टी से होशियारपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा था। 2016 में वह आप को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गई थी। वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में आप ने 12 महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था। शिरोमणि अकाली दल ने पांच, भाजपा ने छह और बीएसपी ने एक महिला को चुनावी मैदान में उतारा था, जबकि 29 महिलाएं निर्दलीय के तौर पर मैदान में थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव की अगर बात करें तो बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब कांग्रेस के मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को शिकस्त दी थी। पटियाला से परनीत कौर ने शिअद के सुरजीत सिंह रखड़ा को हराया था।
पंजाब में 1.77 करोड़ महिला मतदाता
पंजाब में कुल 2 करोड़ 12 लाख 71 हजार 246 मतदाता हैं। इनमें 1 करोड़ 77 हजार 543 महिला मतदाता हैं। कुल मतदाता के आधे के करीब महिला वोटर होने के बावजूद राजनीतिक में महिला राजनेताओं की कमी खलती है। जिन राजनीतिक दलों में महिला नेताओं का कैडर मौजूद है, वहां भी उन्हें तवज्जो नहीं दी जा रही।
महिलाओं से जुड़े प्रमुख मुद्दे
-प्रदेश में महिलाओं के प्रति बढ़ता अपराध।
-महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए निशुल्क सेवाएं शुरू करना।
-रोजगार के क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना।
-व्यापार और कारोबार में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना।
पिछले लोकसभा में हरसिमरत व परनीत को मिली ही जीत
शिअद से हरसिमरत कौर बादल ने 4,92,824 मत हासिल करके 2019 लोकसभा चुनाव में बठिंडा सीट से जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को मात दी थी। वहीं कांग्रेस से परनीत कौर ने कुल 5,32,027 मत हासिल करके पटियाला लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार सुरजीत सिंह रखड़ा से ये चुनाव जीता था। अगर वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 25 महिला उम्मीदवारों को टिकट मिला था।
अगर प्रमुख पार्टियों की बात की जाए तो शिअद ने दो और कांग्रेस ने एक महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा था। इसी तरह वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की कई सीटों पर 20 के करीब महिलाओं को उतारा गया, जिसमें से सिर्फ एक हरसिमरत कौर बादल ही जीत कर संसद पहुंची। उन्होंने 514727 मत हासिल करके कांग्रेस उम्मीदवार मनप्रीत सिंह बादल से ये चुनाव जीता था। अगर तीन साल का रिकाॅर्ड देखा जाए, तो वर्ष 2009 में सबसे अधिक महिलाएं जीत कर सांसद पहुंची थी और उस वर्ष चार महिलाओं ने जीत दर्ज की थी, जिसमें परमजीत कौर गुलशन, हरसिमरत कौर बादल, परनीत कौर और संतोष चौधरी शामिल थी, लेकिन वर्ष 2014 और 2019 के चुनावों में इनकी संख्या कम हो गई।
किस संसदीय क्षेत्र में कितनी महिला वोटर
संसदीय क्षेत्र- महिला वोटर
गुरदासपुर- 7,50,965
अमृतसर- 7,56,820
खडूर साहिब- 7,85,067
जालंधर (आरक्षित)- 7,87,781
होशियारपुर (आरक्षित)- 7,66,296
आनंदपुर साहिब- 8,17,627
लुधियाना- 8,06,484
फतेहगढ़ साहिब (आरक्षित)- 7,22,353
फरीदकोट (आरक्षित)- 7,44,363
फिरोजपुर- 7,83,402
बठिंडा- 7,74,860
संगरूर- 7,29,092
पटियाला- 8,52,433
एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा अधूरा
मैं पिछले 15 सालों से अपने हलके में माताओं और बहनों की सेवा कर रही हूं। पार्टी ने इस बार भी मुझे बठिंडा से प्रत्याशी बनाया है। शिरोमणि अकाली दल ने माताओं और बहनों को हमेशा सम्मान किया है। पार्टी की सीनियर लीडर बीबी जागीर कौर के नेतृत्व में जालंधर से शिअद के प्रत्याशी मोहिंदर सिंह केपी चुनाव लड़ रहे हैं। हम दूसरों दलों की तरह नहीं हैं, जो किए हुए वादों को पूरा नहीं करते, पंजाब में महिलाओं को आर्थिक मदद के रूप में एक हजार रुपये प्रति माह देने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है। – हरसिमरत कौर बादल, शिअद
महिलाओं के हक के लिए कर रही काम
भाजपा में महिलाओं को बराबर का अधिकार दिया जाता है। यही कारण है कि पंजाब में सबसे पहले भाजपा ने महिला प्रत्याशियों को जगह दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और प्रदेश में महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाएं लागू की गई हैं। मैं अपने हलके से लंबे समय से महिलाओं और बहनों के हक के लिए काम करती आ रही हूं। – परनीत कौर, भाजपा