पंजाब में लड़कियों के यौन शोषण पर शोध।
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आर्थिक तौर पर पिछड़ी व शिक्षा से वंचित लड़कियां यौन शोषण का ज्यादा शिकार होती हैं। यह पंजाबी यूनिवर्सिटी के एक शोध में सामने आया है।
पंजाब में लड़कियों के यौन शोषण के गंभीर मसले को समझने व हल करने के लिए पंजाबी यूनिवर्सिटी के स्कूल आफ मैनेजमेंट स्टडीज से प्रोफेसर डॉ. रितु बहल व सरकारी मेडिकल कॉलेज पटियाला से बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हरशिंदर कौर की अगुवाई में एक शोध किया गया है।
शोध के संबंध में पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में बच्चों के वार्ड से आंकड़े इकट्ठे किए गए। अध्ययन के नतीजे उन 40 पीड़ितों पर आधारित हैं, जिन्होंने झिझक को त्याग कर अपनी पीड़ा शोध टीम को बताई। डॉ. रितु लहल ने बताया कि शोध में सामने आया है कि आर्थिक तौर पर पिछड़ी व शिक्षा से वंचित लड़कियां यौन शोषण का ज्यादा शिकार होती हैं। इसी तरह से सेहत समस्याओं व दिव्यांगता से पीड़ित लड़कियां भी यौन शोषण के लिए अधिक संवेदनशील देखी गईं। उन्होंने कहा कि पंजाब में इस संवेदनशील व महत्वपूर्ण विषय पर यह अपनी किस्म की पहली शोध है।
उन्होंने बताया कि अध्ययन में सामने आया कि यौन शोषण की घटनाएं विभिन्न समाजिक-आर्थिक और धार्मिक पृष्ठभूमि में रिपोर्ट की गईं। यह भी पाया गया कि ज्यादातर यौन शोषण के मामले पीडितों के अपने घरों में होते हैं जबकि घर एक सुरक्षित जगह होनी चाहिए। अध्यनन के अनुसार पीड़ित लड़कियों में बड़ी गिनती वह शामिल हैं जो स्कूल नहीं जा रही थीं।
डाॅ. रितु लहल ने कहा कि इसलिए यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसकी तरफ तुरंत ध्यान देने की जरूरत है। यह शोध ऐसे अपराधों की रिपोर्ट करने के लिए आसान व अधिक पहुंचयोग्य तरीकों की भी मांग करता है। तेज व संवेदनशील न्याय प्रक्रिया को यकीनी बनाने के लिए कानून लागू करने, न्याय पालिका व बाल सुरक्षा सेवाओं को मजबूत करना भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने इस गंभीर मसले को हल करने के लिए पुलिस के अलावा सेहत, मानसिक सेहत व कानूनी माहिरों और बाल विकास विशेषज्ञों को शामिल करके संयुक्त तौर पर प्रयास करने पर जोर दिया। डाॅ. लहल ने कहा कि इस शोध से पंजाब में लड़कियों के यौन शोषण पर काबू पाने के लिए एक प्रभावी नीति बनाने का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।