सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : istock
विस्तार
पहली बार अपने बल पर अमृतसर लोक सभा सीट के चुनाव मैदान में कूदे शिरोमणि अकाली दल के लिए चुनौती बढ़ गई है। हमेशा से ही शिअद-भाजपा गठजोड़ के चलते अमृतसर संसदीय सीट पर भाजपा मैदान में कूदती रही है। कई बार अमृतसर संसदीय सीट पर भाजपा भी काबिज रही है, जबकि अधिक बार कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी होते रहे हैं। किसान आंदोलन के मुद्दे को लेकर अकाली भाजपा गठजोड़ टूटने के बाद अमृतसर संसदीय सीट पर अकाली दल बादल और भाजपा अलग-अलग चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं। इसके चलते दोनों पार्टियों को वोट बैंक अपने-अपने पक्ष में करने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान चुनावी दंगल में जो हालात अकाली दल के लिए बने हुए हैं, उससे लगता है कि अकाली दल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी।