तेल अवीव/द हेग7 घंटे पहले
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इजराइल के लोगों ने द हेग में इस तरह के बैनर दिखाए। उनका कहना था कि साउथ अफ्रीका हमास के बारे में चुप क्यों है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में शुक्रवार को इजराइल के खिलाफ नरसंहार मामले में दूसरे दिन सुनवाई हुई। यह केस साउथ अफ्रीका ने दायर किया है। इजराइल ने अपने बचाव में कहा- दुनिया के सामने एकतरफा तथ्य पेश किए जा रहे हैं, झूठ पेश किया जा रहा है।
दूसरी तरफ, जर्मनी ने इजराइल का बचाव किया है। जर्मनी ने कहा- अगर कोई आपके देश में घुसकर बार-बार हमला करेगा तो उसका जवाब देना जरूरी हो जाता है। हमास ने इजराइल में हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
इजराइल अपनी हिफाजत करेगा
नीदरलैंड के द हेग में ICJ की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को इजराइली पक्ष ने दलीलें पेश कीं। इजराइल के लीगल एडवाइजर ताल बेकर ने कहा- हम एक ऐसे दौर में रह रहे हैं, जहां शब्दों की अहमियत कम होती जा रही है। सोशल मीडिया पर झूठ फैलाया जा रहा है। कुछ लोगों ने इस घटना का गलत फायदा उठा रहे हैं। साउथ अफ्रीका ने भी दुनिया के सामने सिर्फ झूठ पेश किया है।
बेकर ने कहा- साउथ अफ्रीका ने जानबूझकर सच्चाई को पेश करने से इनकार किया है। दुनिया को कानून के जरिए गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। 7 अक्टूबर को जो कुछ हमास ने इजराइल में घुसकर किया, क्या उसे साउथ अफ्रीका सही ठहराने की कोशिश कर रहा है। ऐसी कई ताकतें हैं जो इजराइल के खिलाफ साजिश रच रही हैं और इसके लिए कानून और मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।
द हेग में इजराइल के पक्ष में लोग बैनर लेकर पहुंचे।
जर्मनी ने कहा- कोई नरसंहार नहीं हो रहा
- साउथ अफ्रीका के इजराइल पर आरोपों के खिलाफ जर्मनी ने भी आवाज उठाई है। जर्मन सरकार ने साफ कर दिया है कि इजराइल पर लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत हैं और इनके खिलाफ वो भी सबूत पेश करेगा।
- जर्मन सरकार के स्पोक्सपर्सन स्टीफन हेबेसट्रेट ने कहा- इजराइल के खिलाफ 7 अक्टूबर को जो कुछ हुआ, उसकी बात क्यों नहीं की जा रही? इस बार जंग का आगाज किसने किया? क्या अगर आपके देश पर हमला होता है, महिलाओं से रेप होता है, बच्चों को किडनैप किया जाता है तो आप चुप बैठ जाएंगे? साउथ अफ्रीका को आरोप लगाने से पहले यह बातें सोच लेनी चाहिए थीं।
- स्टीफन ने आगे कहा- आज जो कुछ इजराइल की तरफ से किया जा रहा है वो वास्तव में अपनी हिफाजत के लिए है। हमने भी हमास की तरह का आतंक झेला है। होलोकास्ट भी सबने देखा है। सच्चाई ये है कि ये मामला बातचीत से भी हल हो सकता था, लेकिन हमास ने ऐसा होने नहीं दिया।