शंभू में रेल ट्रैक पर बैठी महिलाएं।
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किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर 22 मई को शंभू, खनौरी व डबवाली बॉर्डर पर लाखों किसान जमा होंगे। किसान-मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवण सिंह पंधेर ने इस संबंध में एलान करते पंजाब के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी, राजस्थान के किसानों को अभी से तैयारियां शुरू करने की अपील की। किसान आंदोलन के कारण वीरवार को फिरोजपुर मंडल, अंबाला मंडल और बीकानेर मंडल की कुल 314 रेलगाड़ियां प्रभावित रहीं।
किसान नेता पंधेर ने कहा कि बॉर्डर पर आंदोलन 73वें दिन में दाखिल हो गया है, लेकिन किसानों के उत्साह की कमी नहीं है। इन दिनों किसान अपनी फसलों की कटाई में व्यस्त हैं, तो मोर्चे को महिला शक्ति ने संभाल रखा है। पंधेर ने बताया कि किसान जत्थेबंदियों ने सरकार को 27 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। अगर तब तक मांग के मुताबिक बिना शर्त नवदीप सिंह, गुरकीरत सिंह व अनीश खटकड़ को रिहा नहीं किया गया, तो किसान आंदोलन को उग्र करेंगे। पंधेर ने एलान किया कि एक मई को बॉर्डर पर मजदूर दिवस भी मनाया जाएगा। उन्होंने तंज कसते कहा कि किसान नेता चंडीगढ़ में भाजपा नेताओं का इंतजार करते रहे, लेकिन वह जवाब देने से भाग गए। इससे साफ है कि भाजपा के पास किसानों के सवाल के जवाब ही नहीं है।
केंद्र सरकार पर हमलावर हुए किसान
पंधेर ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला बोलते कहा कि अगर पिछले 10 साल में उनकी सरकार ने देश में विकास किया है, तो फिर वह विकास के एजेंडे पर चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं। भाजपा के राज में लोगों के बीच धर्म के नाम पर अलगाववाद बढ़ा है। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले दिनों पड़ी बारिश व ओलावृष्टि से पंजाब समेत उत्तरी भारत में कई जगहों पर फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार की ओर से गिरदावरी कराके प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए। आंदोलन के कारण वीरवार को करीब 63 ट्रेनें रद हुईं, जिससे सवारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
फिरोजपुर : 44 ट्रेनें रद्द व 64 ट्रेनों के रूट बदले
रेल डिवीजन फिरोजपुर ने किसान आंदोलन के चलते वीरवार को डिवीजन की 44 ट्रेनें रद्द की हैं, जबकि 64 ट्रेनों के रूट बदल कर उन्हें उनके निर्धारित स्टेशनों के लिए रवाना किया है। रेल डिवीजन फिरोजपुर ने अभी तक 10,968 यात्रियों को 59,29,550 रुपये का रिफंड भी किया है। रेल अधिकारियों का कहना है कि मालगाड़ियों को चलाना मुश्किल हो रहा है, सबसे ज्यादा रेलवे को कमाई मालगाड़ियों से होती है।