Lok Sabha Election 2024
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लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सात सीटों पर किसान आंदोलन का ‘करंट’ दौड़ रहा है। हिसार, सिरसा, रोहतक, सोनीपत, कुरुक्षेत्र, करनाल और अंबाला संसदीय क्षेत्रों में किसान फैक्टर का असर दिख सकता है। मौजूदा समय में हिसार और सिरसा में खुलकर किसान संगठन सत्ताधारी पार्टी भाजपा और जजपा के नेताओं का विरोध कर रहे हैं।
इनके अलावा शेष पांच सीटों पर भी अंदर खाते दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को किसानों का रोष झेलना पड़ सकता है। किसान आंदोलन को लेकर अभी आम किसान शांत हैं और समय आने पर अपने पत्ते खोलेंगे। सत्ताधारी पार्टी के सर्वे और खुफिया एजेंसी भी इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि हरियाणा में अभी किसान आंदोलन का असर बरकरार है।
खुफिया विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण हरियाणा की सीटों पर किसान आंदोलन का असर कम है। इनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटें आती हैं। इनमें से भिवानी के क्षेत्र में कुछ असर है।
2020-21 में हुए किसान आंदोलन में यहां के किसानों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था, लेकिन यहां पर भारतीय किसान यूनियन का मजबूत संगठन नहीं होने के चलते अब किसान आंदोलन का इतना असर नहीं है। आंदोलन के समय मुख्य रूप से हरियाणा के जींद, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक, झज्जर, हिसार, सिरसा, सोनीपत, करनाल, अंबाला और पानीपत जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।