चंडीगढ़
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मौसम विभाग ने अगले चार दिन के लिए पंजाब में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। खासकर शनिवार व रविवार को पंजाब के कई जिलों में ओले के साथ ही बारिश होने की संभावना है।
विभाग के इस अलर्ट ने पंजाब के किसानों की चिंता बढ़ा दी है। पहले ही बारिश और रात के तापमान में नमी के चलते गेहूं की कटाई में देरी हो गई है, लेकिन अब इसमें और देरी होने की संभावना नहीं है। साथ ही किसानों को ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान होने का डर भी सता रहा है। इससे पहले भी बारिश से फसलों को नुकसान हो चुका है, लेकिन मुआवजे के लिए वह अभी तक इंतजार कर रहे हैं।
हालत ये है कि मंडियों में भी उम्मीद के मुताबिक फिलहाल गेहूं नहीं पहुंच रहा है। अभी तक प्रदेश के छह जिलों की 472 मंडियों में 1118 मीट्रिक टन से ऊपर गेहूं पहुंचा है। इनमें रोपड़, पटियाला, संगरूर, मोहाली, मानसा और लुधियाना शामिल हैं।
कृषि विशेषज्ञ हर्ष नायर ने बताया कि इस समय अधिकतर जिलों में गेहूं की फसल पकी हुई है, जो कटाई के लिए तैयार है। बेमौसम बारिश से इस फसल को सबसे अधिक नुकसान है, क्योंकि पकी हुई फसल में बारिश के कारण नमी आती है। इससे फसलें खराब होती हैं। अधिक नमी पर कटाई करने से गेहूं में फफूंद का विकास हो जाता है। साथ ही अनाज के टूटने के कारण हानि 2 से 7 फीसदी तक बढ़ जाती है। कटाई की खराब प्रक्रिया के साथ ही अनाज की नमी के कारण मंडी में भी इसे लेने के लिए कोई तैयार नहीं होता है। नायर ने कहा कि फसलों को खराब होने से बचाने के लिए कुछ बदलाव करने की जरूरत है। जिस तरह से बेमौसम बारिश बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए फसलों की जल्द बुआई शुरू की जा सकती है। इसे लेकर स्टडी करवाने की जरूरत है।
पहले ही तापमान में रही नमी
पिछले महीने से अधिकतम तापमान में तो बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन न्यूनतम तापमान में अधिक बढ़ोतरी दर्ज नहीं की गई। यही कारण है कि रात के मौसम में नमी के कारण गेहूं की फसल को नुकसान ही रहा है। पिछले एक सप्ताह में अलग-अलग जिलों में अधिकतम तापमान 32 से 38 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि औसम न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री पर ही बरकरार रहा। इस कारण फसल में अधिक नमी रही, जिसके चलते इसके खराब होने का डर बना रहा और अब बारिश के अलर्ट ने किसानों की और चिंता बढ़ा दी।
वीरवार को सिर्फ 633.50 मीट्रिक टन गेहूं पहुंचा
वीरवार को सिर्फ 633.50 मीट्रिक टन गेहूं मंडियों में पहुंचा है। अभी तक कुल 501.4 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है, जिसमें से सरकार ने 355.4 और निजी मिलों ने 146 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है। इसी तरह वीरवार को 303.4 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। मंडियों से अब तक तीन मीट्रिक टन अनाज की ही लिफ्टिंग हो सकी है। सरकार ने 1.41 करोड़ रुपये राशि खरीद की क्लीयर कर दी है, जिसमें से 1.32 करोड़ रुपये किसानों को जारी भी कर दिए गए हैं।
बता दें कि पिछले सीजन की बात की जाए तो 10 अप्रैल तक 81 हजार 519 टन गेहूं मंडियों में पहुंच गया था, जबकि इस बार अभी तक ये 1118 मीट्रिक टन का आंकड़ा क्रॉस नहीं कर पाया।
किसान बेबस, सिर्फ मुआवजे पर ही निर्भर : सिरसा
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा कि किसान बेबस है। मौसम की मार को रोकने के लिए कुछ नहीं कर सकता है। ये सिर्फ सरकार पर ही निर्भर करता है कि वह किसानों को कुछ राहत दे। उन्होंने कहा कि समय पर गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजा जारी किया जाना चाहिए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके। यही एक कारण है कि किसान आज संघर्ष के रास्ते जाने पर मजबूर है।