रवनीत बिट्टू भाजपा में शामिल
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लोकसभा चुनाव के ठीक पहले चार बार की सांसद परनीत कौर व तीन बार के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के भाजपा में जाने में कांग्रेस की चुनौती बढ़ गई है। अब कांग्रेस को अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव करना पड़ेगा क्योंकि टकसाली कांग्रेसियों का पार्टी छोड़ना कांग्रेस के लिए शुभ संकेत नहीं है।
पंजाब में आतंकवाद की कमर में कील ठोकने वाले पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते एवं टकसाली कांग्रेसी रवनीत बिट्टू के भाजपा में जाने के बाद भाजपाई दावा कर रहे हैं कि अभी कुछ और सांसद और विधायक पार्टी आलाकमान के संपर्क में हैं। आने वाले एक सप्ताह के दौरान बड़ी उठापटक देखने को मिल सकती है।
पंजाब में कोटली परिवार शुरुआत से ही कांग्रेस के साथ जुड़ा रहा। आतंकवाद के खात्मे के लिए पूर्व सीएम बेअंत सिंह के परिवार का अहम योगदान रहा। यहां तक कि बेअंत सिंह ने इसमें अपने प्राणों तक का बलिदान दे दिया। इस परिवार की हमेशा से ही गांधी परिवार के साथ नजदीकियां रही हैं। पूर्व सीएम बेअंत सिंह के पोते रवनीत सिंह बिट्टू वर्ष 2009 में श्री आनंदपुर साहिब से सांसद बने थे। उसके बाद उनको पार्टी ने लुधियाना से टिकट दिया और वे वर्ष 2014 और 2019 में लुधियाना से लगातार दो बार सांसद बने।
लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के साथ ही बिटटू फिर से लुधियाना में सक्रिय हुए थे। लोगों के काम न होने एवं भ्रष्टाचार को लेकर उन्होंने कांग्रेसियों के साथ मिल कर निगम मुख्यालय पर ताला भी जड़ा था। कुछ दिन सक्रिय रहने के बाद बिट्टू अचानक फिर से लुधियाना में नजर नहीं आए, तभी से यह कयास लग रहे थे कि कुछ न कुछ बड़ा बदलाव होने वाला है। भाजपा के मीडिया प्रवक्ता गुरदीप सिंह गोशा ने कहा कि अब देश के साथ पंजाब की फिजा भी बदल रही है। देश के साथ साथ अब पंजाब भी कांग्रेस मुक्त हो रहा है।