कई बार लोग अपने परिजन की मौत को स्वीकार नहीं कर पाते. लेकिन ये भी सच है कि मर चुके इंसान का जिंदा होना तो नामुमकिन बात है. ऐसे में कई बार किसी की मौत की खबर बुजुर्ग परिजनों को इसलिए नहीं दी जाती क्योंकि कमजोर शरीर के लिए इतना बड़ा झटका तबियत बिगड़ने का और मौत का कारण भी बन सकता है.
चीन के Liaoning के सुन नाम के एक शख्स ने इसी तरह अपने पिता की मौत का सच उनकी मां यानी अपनी दादी से छुपाए रखा था. सुन के पिता की 6 महीने पहले कैंसर से मौत हो गई थी. सुन की 91 साल की दादी को दिल की गंभीर समस्या थी और सुन को डर था कि बेटे की मौत की खबर उनके लिए बहुत दुखद हो सकती है. तो उन्होंने उसे बताया था कि उसका बेटा बीमार है और बीजिंग के एक अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है, और उसकी हालत के कारण उसे वहीं रहना होगा.
सुन ने कहा कि जब उनकी दादी बेटे देखने की जिद करने लगीं तो उन्हें अपने पिता को “पुनर्जीवित” करने के लिए एआई टेकनीक का उपयोग करना पड़ा. उसने दादी को बताया उसके पिता को अस्पताल में मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं है, इसलिए वह बीजिंग से उसका एक वीडियो रिकॉर्ड करके लाया है.
पुरानी तस्वीरों और फेस-स्वैप सॉफ़्टवेयर का उपयोग करके, पोते ने अपने पिता का चेहरा अपने चेहरे पर रखा और उनकी आवाज़ की नकल की. वीडियो में वह कह रहा है- ‘माँ, मैं बीजिंग हूं और ठीक हूं. यहां डॉक्टर इस बीमारी का इलाज नहीं कर सकते, लेकिन यह कंट्रोल में है.’ उन्होंने वीडियो को अपनी दादी को दिखाने से पहले उसका क्वालिटी चेक करने के लिए उसे अपनी चाची को भेजा. सुन ने कहा कि दादी की आंखें खराब हैं लेकिन जीवन के प्रति उनका नजरिया आशावादी है. वीडियो देखकर उन्होंने मान लिया कि उसमें उनका बेटा ही है.
सुन ने कहा कि उन्हें खुद भी अपने पिता की मृत्यु को स्वीकार करना नामुमकिन लग रहा था. लेकिन डीपफेक की मदद से उनकी तरह दिखना भी उनको अलविदा कहने का तरीका बन गया. इससे जुड़ा वीडियो सुन ने अपने डॉयिन अकाउंट @Zaixisancai पर पोस्ट किया गया था जिसे 5 मिलियन व्यूज मिले हैं. लोग इसपर ढेरों कमेंट कर रहे हैं.
एक यूजर ने कहा, ‘यह डीपफेक तकनीक का उपयोग करने का सबसे अच्छा तरीका है.’ दूसरे ने कहा, ‘दादी को शायद किसी से भी बेहतर पता होगा कि ये सब झूठ है, लेकिन उन्हें बस कुछ आराम की ज़रूरत थी.’ यह पहली बार नहीं है कि लोगों ने अपने प्रियजनों की भावनाओं की रक्षा के लिए परिवार के किसी सदस्य की मौत के बारे में झूठ बोला है. बल्कि पहले भी लोग तकनीक की मदद से ऐसा करते रहे हैं.