नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने बुधवार को संसद में विश्वास मत हासिल किया. बनते और टूटते गठबंधनों के चलते नेपाल लंबे समय से राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है. कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के प्रचंड को 275 सदस्यीय हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में 157 वोट हासिल हुए. उनकी पार्टी सदन में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है.
काठमांडू के नया बनेश्वर स्थित संसद भवन में वोटिंग के दौरान कुल 268 सांसद मौजूद थे. 110 सांसदों ने प्रचंड के खिलाफ वोट किया जबकि एक सदस्य ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. विश्वास मत हासिल करने के लिए प्रचंड को 138 वोटों की जरूरत थी.
डेढ़ साल में तीसरी बार हासिल किया विश्वास मत
स्पीकर देव राज घिमिरे ने घोषणा करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री ने विश्वास मत हासिल कर लिया है.’ बीते दिनों प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस से गठबंधन तोड़ दिया था और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) का हाथ थाम लिया था जिसके चलते बुधवार को सदन में वोटिंग हुई.
डेढ़ साल में यह तीसरी बार है जब प्रचंड को सदन में विश्वास मत हासिल करना पड़ा है. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार, सत्तारूढ़ गठबंधन से किसी भी सहयोगी के अलग होने के बाद प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना जरूरी है.
सबसे बड़े विरोधी ओली से मिलाया हाथ
प्रतिनिधि सभा (HoR) में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के अलग होने के बाद प्रचंड को बहुमत साबित करना था. अब उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूनिफाइड मार्क्सिस्ट-लेनिनिस्ट) के साथ गठबंधन किया है जिसका नेतृत्व नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली करने हैं. ओली प्रचंड के सबसे बड़े आलोचकों में से एक हैं. प्रचंड 25 दिसंबर, 2022 को तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे.