जो बाइडन, डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)
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अमेरिकी राष्ट्रपति बनने की रेस में यूं तो कई दावेदार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन 2024 के चुनाव में डेमोक्रेट खेमे से वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडन ही प्रत्याशी बनेंगे। बाइ़डन को रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कड़ी चुनौती मिल रही है। अमेरिका के लगभग 70 साल के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब लगातार दो चुनाव में उन्हीं उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होगा। पिछली बार राष्ट्रपति चुनाव 2020 में भी डोनाल्ड ट्रंप और बाइडन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। गौरतलब है कि डेमोक्रेट और रिपब्लिकन पार्टी इन प्राइमरी चुनावों में जीत हासिल करने वाले प्रत्याशी को ही राष्ट्रपति पद के लिए दावेदार के तौर पर उतारती हैं।
इन राज्यों में बाइडन का जनाधार मजबूत, ट्रंप की दावेदारी भी लगभग तय
दरअसल, मंगलवार को बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से नामांकन पर मुहर लगने के लिए जरूरी संख्याबल हासिल कर लिया। चुनाव के इस स्तर पर उनके समर्थन में पर्याप्त प्रतिनिधि मतदान कर चुके हैं। डेमोक्रेट खेमे की तरफ से नामांकन की रेस जीतने के लिए बाइडन को 1968 प्रतिनिधियों की जरूरत थी। जॉर्जिया के अलावा मिसिसिपी, वाशिंगटन राज्य, उत्तरी मारियाना द्वीप में भी बाइडन को अच्छा समर्थन हासिल है। अमेरिका में चुनाव पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को ट्रंप की दावेदारी पर भी अंतिम मुहर लग जाएगी।
ट्रंप का कैंपेन ‘नाराजगी और प्रतिशोध का अभियान
खबरों के मुताबिक कई प्रमुख राज्यों में ट्रंप को अच्छा समर्थन मिल रहा है। भारतवंशी निक्की हेली रेस से बाहर हो चुकी हैं। एक अन्य भारतवंशी विवेक रामास्वामी ने ट्रंप का समर्थन करने का एलान किया है। दावेदारी पर मुहर लगने के बाद होने के बाइडन ने कहा, ट्रंप का कैंपेन ‘नाराजगी और प्रतिशोध का अभियान है। इससे अमेरिका का विचार खतरे में पड़ने की आशंका है।
चार साल पहले हुए चुनाव में भी बाइडन ट्रंप का सीधा मुकाबला
गौरतलब है कि चार साल पहले साल 2020 में कराए गए राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप को मात मिली और इसके बाद देश के इतिहास में संभवत: पहली बार कैपिटल हिल पर जमकर उपद्रव हुआ। चुनावी हार से बौखलाए ट्रंप के समर्थकों ने छह जनवरी 2021 के दिन चुनाव परिणाम स्वीकार करने से इनकार कर दिया था और हिंसा के कारण यह अमेरिकी लोकतंत्र का काला अध्याय बन गया।