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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की ग्रुप सी की फायरमैन एंड ड्राइवर भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से फायर सर्टिफिकेट लेकर नौकरी के लिए आवेदन किया है।
आयोग और फायर विभाग के अधिकारियों की कमेटी ने इनकी जांच की तो 500 चयनित अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों से मिले, जबकि चयन सूची से बाहर से 300 नए अभ्यर्थियों के दस्तावेज वैध पाए गए। अब इन 300 अभ्यर्थियों के लिए नौकरी का रास्ता साफ हो गया है।
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने प्रदेश और केंद्र सरकार से मान्यता प्राप्त फायर संस्थानों और गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची भी जारी कर दी है।
इस भर्ती के लिए आयोग ने फायर सेफ्टी का एक साल का डिप्लोमा व हैवी ड्राइविंग लाइसेंस होने की शर्त लगाई थी। आयोग के पास खुफिया रिपोर्ट पहुंची थी कि काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने फर्जी संस्थानों के दस्तावेज भर्ती में लगाए हैं, इसलिए आयोग ने इनकी जांच का फैसला लिया था।
इस भर्ती में कुल पद 2108 हैं। आयोग ने 6 फरवरी को भर्ती का परिणाम जारी किया था। वैध दस्तावेज नहीं होने के चलते आयोग ने केवल 844 अभ्यर्थियों का परिणाम जारी किया था। दस्तावेजों की जांच के लिए उनकी नियुक्ति भी रोक दी थी। पद खाली रहने के चलते काफी संख्या में अभ्यर्थियों ने कई दिन तक आयोग के कार्यालय के बाहर धरना दिया था और कहा था कि उनके दस्तावेज अपलोड किए गए थे, लेकिन अब दस्तावेज नहीं दिखाई दे रहे। बाद में आयोग ने अभ्यर्थियों को दस्तावेज जमा कराने का मौका दिया था।
संस्थानों को वैधता के दस्तावेज जमा कराने का मौका
फायर विभाग ने संस्थानों की सूची भी अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। इन संस्थानों को 7 मार्च तक समय दिया गया है कि वह आयोग को वैधता का प्रमाण पत्र दे सकते हैं। 38 संस्थान ऐसे हैं, जिनको कमेटी ने वैध माना है और 163 के पास मान्यता नहीं है। ये सभी संस्थान फायर सर्टिफिकेट कोर्स और डिप्लोमा कोर्स कराते हैं।
50 हजार में सर्टिफिकेट खरीदने की मिली थी शिकायत
आयोग के पास शिकायत पहुंची थी कि अभ्यर्थियों ने 50-50 हजार रुपये देकर फर्जी संस्थानों से फायर सर्टिफिकेट खरीद कर लगाए हैं। इसी कारण आयोग ने भर्ती का परिणाम तो जारी कर दिया था, लेकिन साथ में शर्त लगा दी थी कि प्रमाण पत्रों की जांच के बाद ही नियुक्तियां कराई जाएंगी।