पंजाब विधानसभा।
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पंजाब विधानसभा का एक मार्च से शुरू हो रहा 15 दिवसीय बजट सत्र, राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दूसरे साल में पेश किया जा रहा दूसरा सबसे लंबी अवधि का सत्र है। इस लंबी अवधि में भी विधानसभा के सदस्यों को अपनी बात रखने का पर्याप्त समय मिलने की उम्मीद है, जिसे लेकर पिछले विधानसभा सत्रों में भी विपक्षी सदस्यों द्वारा अवधि बढ़ाने की मांग की जाती रही है।
बुधवार को तैयार, बजट सत्र के कामकाज की आरंभिक रूपरेखा के अनुसार 15 दिनों में पांच अवकाश रहेंगे और तीन दिन गैर-सरकारी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। सदन में चार दिन विधायी कामकाज के लिए रखे गए हैं। हालांकि सत्र के दौरान प्रत्येक कामकाज के दिन तय नियमों के अनुसार, शून्यकाल, प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के लिए सदस्यों को समय मिलेगा लेकिन एक मार्च को होने वाले राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के लिए 4 मार्च को केवल एक दिन निर्धारित किया गया है। इसी तरह 5 मार्च को वित्त मंत्री द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किए जाने के बाद, बजट पर बहस के लिए भी 6 मार्च को एक दिन का ही समय सदस्यों को मिलेगा।
इस बीच, विधानसभा सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रश्नकाल के लिए सदस्यों की तरफ से बुधवार तक 350 प्रश्न भेजे गए हैं। सत्र के दौरान प्रतिदिन 20 प्रश्न रखे जाते हैं, जिन पर सरकार की तरफ से सदन में जवाब दिया जाता है। इनके अलावा, विधानसभा स्पीकर को ध्यानाकर्षण प्रस्तावों के तहत अब तक 12 प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और सदस्यों की तरफ से प्रश्न व प्रस्ताव भेजने का सिलसिला जारी है। इन सभी पर अंतिम फैसला स्पीकर द्वारा ही लिया जाएगा।