दीपांकर गांधी को मिली डिग्री।
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जालंधर के एपीजे स्कूल से शिक्षा लेने वाले दीपांकर गांधी ने एलपीयू के सभी विषयों में प्रथम स्थान हासिल किया है। दीपांकर गांधी का अगला टारगेट अब अमेरिका जाकर भारत का नाम रोशन करने का है। दीपांकर ने एलपीयू में इंटेग्रेटिड बीबीए एमबीए में टॉप किया है। रविवार को उनको दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया गया।
24 साल के दीपांकर गांधी अब अमेरिका में सीपीए की तैयारियों में लग गए हैं। सीपीए (सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटस) को कर दीपांकर का सपना अमेरिका जाकर डंका बजाने का है। दीपांकर गांधी अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता मीनाक्षी गांधी को देता है, जो हमेशा उसकी मार्ग दर्शक रही हैं।
जालंधर के पार्क एवेन्यू के रहने वाले दीपांकर गांधी ने जालंधर के एपीजे स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है और वहां से उच्च अंक लेने के बाद एलपीयू में दाखिला ले लिया था। वहीं से बीबीए व एमबीए की शिक्षा हासिल की। दीपांकर को हिंदी गाने पसंद हैं और उसका मानना है कि शरीर व दिमाग की खुराक गाने और अध्यात्म है। जिससे आप अपने टारगेट पर फोकस हो जाते हैं।
11वें दीक्षांत समारोह में 60 हजार विद्यार्थियों को मिली डिग्री
एलपीयू ने रविवार को 11वां वार्षिक दीक्षांत समारोह मनाया, जिसमें पूर्व ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री टोनी एबॉट मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम में टोनी एबॉट को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह के दौरान टोनी ने 102 स्वर्ण पदक विजेताओं और 555 पीएचडी विद्वानों की उपलब्धियों को मान्यता दी, जबकि शैक्षणिक और सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 567 मेधावी छात्रों के उल्लेखनीय प्रदर्शन को भी सराहा।
एलपीयू के संस्थापक चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने एलपीयू और 16 प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों के बीच साझेदारी पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय की हालिया उपलब्धियों को साझा किया।