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तिरुवनंतपुरम3 मिनट पहले
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प्रत्याशियों के नाम का ऐलान पार्टी के राज्य सचिव बिनॉय विश्वम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया।
पश्चिम बंगाल और पंजाब के बाद अब केरल में भी विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A ब्लॉक में फूट पड़ गई है। यहां गठबंधन की प्रमुख सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने सोमवार को 4 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की। इसमें से राहुल गांधी की संसदीय सीट वायनाड से पार्टी ने एनी राजा को टिकट दिया है।
इसके अलावा तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर के खिलाफ पनियन रवींद्रन को टिकट दिया है। वहीं, वीएस सुनील कुमार को त्रिशूर से और अरुण कुमार को मवेलिकारा से उम्मीदवार बनाया है।
CPI ने केरल में कांग्रेस के दो दिग्गज सांसदों के खिलाफ पार्टी के प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि पार्टी महासचिव डी राजा I.N.D.I.A ब्लाॅक की समन्वय समिति और चुनाव रणनीति समिति के सदस्य हैं।
CPI के बिनॉय बोले- यह राजनीतिक लड़ाई
CPI नेता और राज्यसभा सांसद बिनॉय विश्वम ने कहा कि यह एक राजनीतिक लड़ाई है। व्यक्तिगत रूप से मैं राहुल गांधी को एक बहुत अच्छा दोस्त मानता हूं। चुनाव की इस महत्वपूर्ण लड़ाई में कांग्रेस पार्टी का मुख्य दुश्मन कौन है, RSS के नेतृत्व वाली भाजपा या वामपंथी? स्पष्ट है कि मुख्य राजनीतिक शत्रु आरएसएस के नेतृत्व वाली भाजपा है। क्या कांग्रेस इस बारे में स्पष्ट है?
क्या है केरल चुनाव का गणित
CPI ने 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल में 4 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन तब कोई भी सीट नहीं जीत सकी थी। केरल में 20 लोकसभा सीटें हैं। 2019 में कांग्रेस को 15 सीटें मिली थीं, जबकि दो इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को मिली थीं। सीपीआई (एम), केसी (एम) और आरएसपी ने 1-1 सीट जीती थी।
वायनाड के अलावा, त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में भी लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों को लेकर मतभेद देखे जा सकते हैं। सत्तारूढ़ एलडीएफ और विपक्षी यूडीएफ के साथ, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को भी त्रिशूर और तिरुवनंतपुरम में बहुत उम्मीदें हैं। हालांकि यहां किसी भी पार्टी ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
I.N.D.I.A ब्लॉक में सीट शेयरिंग पर अब तक क्या हुआ…
- दिल्ली में 4 सीटों पर AAP, 3 पर कांग्रेस लड़ेगी लोकसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा सीटों का बंटवारा 24 फरवरी को फाइनल हुआ। दिल्ली में आम आदमी पार्टी 4 और कांग्रेस 3 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। गुजरात की 26, हरियाणा की 10, गोवा की 2 और चंडीगढ़ सीट के लिए भी शेयरिंग फॉर्मूला फाइनल हो गया है।
- पंजाब की सभी 13 सीटों पर कांग्रेस-AAP अलग-अलग लड़ेंगी पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और AAP में सहमति नहीं बनी है। AAP और कांग्रेस सभी सीटों पर अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में 10 फरवरी को इसका ऐलान भी किया था। उन्होंने 21 फरवरी को कहा था- पंजाब में अकेले लड़ने का फैसला जीतने के लिए किया है।
- उत्तर प्रदेश-मध्यप्रदेश में सपा के साथ कांग्रेस की सीट शेयरिंग फिक्स समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने यूपी-एमपी की सीटों पर समझौता किया है। समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 17 सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ी हैं। मध्यप्रदेश की 29 सीटों में से कांग्रेस ने एक खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी को दी है।
- असम-गुजरात में AAP के उम्मीदवारों की घोषणा, TMC ने भी मांगीं सीटें AAP ने 8 फरवरी को असम में तीन सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की थी। इधर, TMC ने असम में 2 और मेघालय में 1 सीट मांगी है, जिस पर कांग्रेस और TMC में चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस मेघालय सीट देने की इच्छुक नहीं है। असम में 14 और मेघालय में दो सीटें हैं।
- बंगाल में ममता बनर्जी अकेले लड़ेंगी चुनाव 24 जनवरी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी हैं। ममता भी खुद को I.N.D.I.A का हिस्सा बताती रही हैं। हालांकि उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने के अपने फैसले के लिए कांग्रेस के साथ सीट-शेयरिंग को लेकर बातचीत फेल होने का हवाला दिया था।
- बिहार में नीतीश के NDA में जाने से बदले समीकरण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने रास्ते पहले ही अलग कर चुके हैं। वे I.N.D.I.A के सूत्रधार थे। उन्होंने ही सभी विपक्षी पार्टियों को BJP के खिलाफ एकजुट किया था। हालांकि वे खुद 28 जनवरी को NDA में शामिल हो गए और BJP के साथ मिलकर सरकार बना ली। RJD 20 से अधिक सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारना चाहती है। उधर कांग्रेस नेशनल पार्टी होने के कारण RJD को ज्यादा सीट नहीं देना चाहेगी।
- झारखंड में 14 सीटों में कांग्रेस को 9 मिलने की उम्मीद हेमंत की गिरफ्तारी से I.N.D.I.A. गठबंधन को नए सिरे से डील करनी होगी। यहां कुल 14 लोकसभा सीटें हैं। सोरेन की गिरफ्तारी से पहले कांग्रेस 9 सीटें मांग रही थी। अनुमान था कि JMM और कांग्रेस में 50-50 का बंटवारा हो जाता। अब कांग्रेस 9 सीटों पर लड़ सकती है। हालांकि यहां JMM सत्ता में है। ऐसे में टिकट बंटवारे को लेकर विवाद जरूर होगा।