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- Manoj Jarange Indefinite Hunger Strike For Maratha Reservation | CM Shinde Urge To Ends Fast
मुंबई2 घंटे पहले
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आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस सुनील शुक्रे ने सीएम शिंदे को रिपोर्ट सौंपी।
महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने शुक्रवार (16 फरवरी) को मराठा समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक पिछड़ेपन पर आधारित सर्वे रिपोर्ट सौंप दी। आयोग के अध्यक्ष रिटायर जस्टिस सुनील शुक्रे ने सीएम शिंदे को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें 2.5 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है।
रिपोर्ट पर CM शिंदे ऑफिस की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया है सर्वे के निष्कर्षों पर राज्य कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी। इसके लिए सरकार ने 20 फरवरी को विशेष सत्र बुलाया है।
इस बीच CM एकनाथ शिंदे ने 10 फरवरी से अनशन कर रहे मराठा एक्टिविस्ट मनोज जरांगे से अनशन खत्म करने की अपील की है। जरांगे जालना जिले में गांव अंतरावलीसाठी में अनशन कर रहे हैं।
अनशन के दौरान 14 फरवरी को उनकी तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनसे डॉक्टरी मदद लेने का निर्देश जारी किया था।
अनशन शुरू करने के बाद 14 फरवरी को जरांगे की नाक से खून निकलने लगा था। ये तस्वीर तभी की है।
CM शिंदे बोले- अनशन पर जाने की जरूरत ही नहीं थी
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमने पहले ही मराठा आरक्षण पर सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया था। शुक्रे समिति की रिपोर्ट के आधार पर मराठा आरक्षण को आगे बढ़ाएंगे। कुनबी रजिस्ट्रेशन पर रिजर्वेशन को पहले ही आगे बढ़ाया जा चुका है। इस पर काम जारी है।
CM ने कहा- जरांगे को अनशन पर जाने की कोई जरूरत नहीं थी। लेकिन दुर्भाग्य से, ऐसा हो रहा है। हम उनसे अनुरोध करेंगे कि वे अपना अनशन वापस ले लें। सरकार मांगों को पूरा करने के लिए सकारात्मक रूप से अपना काम कर रही है।
शिंदे ने इस बात पर भी जोर दिया कि मराठाओं को अन्य समुदायों के मौजूदा कोटे को छेड़े बिना रिजर्वेशन दिया जाएगा। जब सरकार रिजर्वेशन देने के लिए पूरी तरह तैयार है, तो विरोध नहीं होना चाहिए।
कब से शुरू हुआ था सर्वे
पिछड़ा वर्ग आयोग ने 23 जनवरी को पूरे महाराष्ट्र में शुरू हुआ, जिसमें 3.5 से 4 लाख राज्य सरकार के कर्मचारी शामिल थे और इसमें 2.5 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया था। सरकार ने मराठा समुदाय के रिजर्वेशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन का समर्थन करने के लिए मराठों के पिछड़ेपन पर सर्वे करवाया है।
इसके साथ-साथ राज्य सरकार ने कुनबी रिकॉर्ड की तलाश भी शुरू कर दी थी। कुनबी, किसानों का समुदाय है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) कैटेगरी में आता है। मनोज जरांगे सभी मराठों के लिए कुनबी सर्टिफिकेट की मांग कर रहे हैं।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था रिजर्वेशन
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में महाराष्ट्र में कॉलेज एडमिशन और नौकरियों में मराठों के लिए रिजर्वेशन को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि समग्र आरक्षण पर 50% की सीमा के उल्लंघन को सही ठहराने के लिए कोई असाधारण परिस्थितियां नहीं थीं। महाराष्ट्र सरकार ने इस फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन लगाई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। इसके बाद उसने क्यूरेटिव दायर की।
इससे पहले कब-कब अनशन पर बैठे मनोज जरांगे
27 जनवरी को मुंबई में CM शिंदे ने तुड़वाया था अनशन
जरांगे ने लाखों समर्थकों के साथ 20 जनवरी को जालना से विरोध मार्च शुरू किया था। 27 जनवरी को सीएम एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे से नवी मुंबई में मुलाकात की थी। उन्होंने जरांगे को जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म करवाया और मराठा आंदोलन से जुड़े ड्राफ्ट अध्यादेश की कॉपी सौंपी थी। आंदोलन खत्म करने के बाद जरांगे ने कहा था कि हम 4 महीने से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे थे।