नई दिल्ली8 मिनट पहले
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25 सितंबर 2023 को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर एक प्रोग्राम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह C-295 प्लेन को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया था।
समुद्र की निगरानी के लिए रक्षा मंत्रालय 15 नए एयरक्राफ्ट खरीदने जा रहा है। इनमें 9 नेवी के लिए और 6 कोस्टगार्ड के लिए खरीदे जाएंगे। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार (16 फरवरी) को अप्रूवल की जानकारी देते हुए बताया कि सभी 15 प्लेन भारत में बनेंगे। इन्हें वायु सेना के C-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को मॉडिफाई कर बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट कुल लागत 29 हजार करोड़ रुपए होगी।
दरअसल, भारत ने सितंबर 2021 में स्पेन से 56 C-295 एयरक्राफ्ट खरदीने की डील की थी। 15 सितंबर 2023 को पहला प्लेन स्पेन से भारत आया था। इसके बाद 15 प्लेन रेडी टु-फ्लाई कंडीशन में स्पेन से आए थे। बाकी के 40 प्लेन गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम कंपनी बनाने वाली है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं बताया गया है कि गुजरात के वडोदरा में बनने वाले एयरक्राफ्ट ही नेवी और कोस्ट गार्ड को सौंपे जाएंगे या फिर अलग से बनाए जाएंगे।
2024 के मध्य में बनना शुरू होंगे C-295 प्लेन
टाटा एडवांस सिस्टम लि. गुजरात के वडोदरा में इसी साल मध्य तक C-295 विमान बनाना शुरू करेगी। फिलहाल, इसकी फाइनल असेम्बली लाइन का काम चल रहा है। पहला स्वदेशी C-295 विमान 2026 में बनकर तैयार होगा। फाइनल असेम्बलिंग के लिए एयरबस और टाटा के हैदराबाद व नागपुर प्लांट में 14,000 से ज्यादा स्वदेशी पार्ट्स तैयार कर वडोदरा भेजे जाएंगे। कंपनी 2031 तक वायुसेना को सभी 40 एयरक्राफ्ट सौंप देगी।
थल सेना भी खरीद सकती है C-295 प्लेन
देश की सीमाओं की निगरानी करने वाली BSF ने भी C-295 खरीदने की तैयारी की है। करीब 3 सिक्योरिटी एजेंसी भी निगरानी के लिए इसे खरीदने को तैयार हैं। 6 पायलट और 10 इंजीनियर के दल ने इस प्लेन की हैंडलिंग से जुड़ी ट्रेंनिंग भी पूरी कर ली है।
एयरक्राफ्ट C-295 की खासियत
- ये एयरक्राफ्ट शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग कर सकते हैं। कंपनी के मुताबिक ये एयरक्राफ्ट 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ कर सकता है। वहीं, लैंडिंग के लिए 670 मीटर की लंबाई काफी है। यानी लद्दाख, कश्मीर, असम और सिक्किम जैसे पहाड़ी इलाकों में ऑपरेशन में ये एयरक्राफ्ट मददगार साबित होगा।
- एयरक्राफ्ट अपने साथ 7,050 किलोग्राम का पेलोड उठा सकता है। एक बार में अपने साथ 71 सैनिक, 44 पैराट्रूपर्स, 24 स्ट्रेचर या 5 कार्गो पैलेट को ले जा सकता है।
- लगातार 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है। 2 लोगों के क्रू केबिन में टचस्क्रीन कंट्रोल के साथ स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम भी है।
- C-295MW ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में पीछे रैम्प डोर है, जो सैनिकों या सामान की तेजी से लोडिंग और ड्रॉपिंग के लिए बना है।
- एयरक्राफ्ट में 2 प्रैट एंड व्हिटनी PW127 टर्बोट्रूप इंजन लगे हुए हैं। इन सभी प्लेन को स्वदेश निर्मित इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूइट से लैस किया जाएगा।
समुद्र में निगरानी के लिए नेवी के पास INS संधायक
सर्विलांस जहाज INS संधायक 3 फरवरी को भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था। इससे नेवी का समुद्री नेवीगेशन और भी बेहतर हुई है। यह जहाज 11 हजार किमी की रेंज तक बंदरगाहों और समुद्री तटों की निगरानी कर सकता है। सर्विलांस के अलावा इस जहाज में बोफोर्स गन और चेतक हेलिकॉप्टर की तैनाती भी किया जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें…
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