सांकेतिक तस्वीर।
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पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मुक्तसर साहिब जिले में हुए अनाज ढुलाई टेंडर आवंटन घोटाले में पांच ठेकेदारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। जिले की अलग-अलग अनाज मंडियों में अनाज की ढुलाई के लिए टेंडर आवंटन में धोखाधड़ी के आरोप में स्थानीय ठेकेदार प्रेम चंद, ठेकेदार विशु मित्तल, ठेकेदार योगेश गुप्ता, ठेकेदार राजीव कुमार और भाग रोड लाइंस ट्रांसपोर्ट के मालिक रमनदीप सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी व वित्तीय गड़बड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
जांच के दौरान पता लगा है कि इन आरोपियों ने नकली गेट पास के आधार पर सरकारी पैसों का गबन भी किया गया। विभाग ने नकली गेट पास के आधार पर बिल पास करके ठेकेदारों को पैसे जारी कर दिए, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। विजिलेंस इन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापे मार रही है और इस मामले की आगे की जांच जारी है।
मोटरसाइकिल व स्कूटर में दिखाई थी अनाज ढुलाई
विजिलेंस के अनुसार जांच के दौरान यह सामने आया है कि उपरोक्त आरोपियों ने साल 2019-20 के दौरान खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके अनाज की ढुलाई के लिए जालसाजी के साथ टेंडर हासिल किए थे। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि आरोपियों ने टेंडर लेने के लिए ऐसे वाहनों की नकली सूचियां पेश कीं जो अनाज की ढुलाई नहीं कर सकते थे जैसे कि पिकअप वैन, मोटरसाइकिल, स्कूटर आदि।
यह है पूरा मामला
16 अगस्त 2022 को अनाज ढुलाई टेंडर आवंटन घोटाले में केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 22 अगस्त 2022 को पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को एक सैलून से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें एक सितंबर को पटियाला जेल भेज दिया गया था। 15 नवंबर को विजिलेंस ने अदालत में चालान पेश किया। 22 नवंबर को दो डीएफएससी सुखविंदर सिंह और हरवीन कौर को गिरफ्तार किया गया। भारत भूषण आशु पर आरोप है कि उनके मंत्री रहते हुए विभाग में यह सब कुछ हुआ। वह भी इसमें संलिप्त थे। वहीं, ठेकेदार तेलू राम ने अनाज ढुलाई का ठेका लेने के लिए दोपहिया वाहनों के नंबर देकर हेराफेरी की। उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपये की सरकार को चपत लगाई।