बिहार के जमुई में तालाब में खुदाई के दौरान सूर्य भगवान की प्राचीन काल की मूर्ति मिलने के बाद से इलाके में कौतूहल मच गया. मगर, जैसे ही प्राचीन काल की मूर्ति मिलने की खबर जिला प्रशासन तक पहुंची भगवान की मूर्ति को लेकर संग्राम मच गया. सूर्य भगवान की मूर्ति को लेकर जिला प्रशासन और ग्रामीण आमने-सामने आ गए.
हालांकि, ग्रामीणों की जिद के सामने प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा. ग्रामीणों ने तत्काल सूर्य भगवान की प्राचीन मूर्ति को गांव के एक मंदिर में रखकर पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी. मामला जमुई जिला के सिकंदरा प्रखंड के सिझौड़ी गांव का है. यहां मंगलवार को गांव तालाब खुदाई के दौरान अष्टधातु की एक प्राचीन मूर्ति निकलने से ग्रामीणों में कौतूहल का माहौल बन गया.
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अष्टधातु की बनी है दुर्लभ मूर्ति
बताया जा रहा है कि तालाब से मिली मूर्ति भगवान सूर्य की है. यह करीब 1500 से 1600 साल पुरानी दुर्लभ मूर्ति है. इसके बारे में यह बताया जा रहा है कि वह करीब आठवीं सदी के पूर्वार्द्ध की मूर्ति है. मूर्ति मिलने के बाद से ही ग्रामीण उसे अपने गांव में स्थापित करने की बात कर रहे थे. मगर, मंगलवार देर शाम अनुमंडल पदाधिकारी अभय कुमार तिवारी दलबल के साथ सिझौड़ी गांव पहुंचे.
उन्होंने बिहार संग्रहालय के द्वारा प्रतिमा को संग्रहालय में रखे जाने की बात ग्रामीणों के सामने रखी. मगर, ग्रामीण इसको लेकर तैयार नहीं थे और बुधवार को इस मामले को लेकर एक बैठक बुलाई गई. इसमें हजारों की संख्या में ग्रामीण शामिल हुए.
गांव में मिली मूर्ति, गांव की संपत्ति
ग्रामीणों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चूंकि प्राचीन काल की मूर्ति गांव में मिली है, इसलिए उसे गांव में ही रहना चाहिए. इस बैठक में स्थानीय विधायक प्रफुल्ल मांझी भी शामिल हुए. विधायक ने भी ग्रामीणों की बातों का समर्थन किया और उन्होंने भी इस मामले को लेकर जिला प्रशासन से बात की.
इस मामले को लेकर ग्रामीण हरदेव सिंह ने बताया कि गांव में मिली मूर्ति गांव की संपत्ति है. उन्होंने कहा कि ठीक इसी प्रकार खैरा प्रखंड क्षेत्र के रजला गांव में भगवान महावीर की मूर्ति मिली थी. उस मूर्ति को वहीं स्थापित किया गया और वहां भगवान महावीर का भव्य मंदिर भी बनाया गया है.
पुराने मामलों का ग्रामीणों ने दिया हवाला
ऐसे ही लखीसराय के काली पहाड़ी में भी कई प्रतिमाएं मिली हैं और वहां भी मंदिर बनाया जा रहा है. सिझौड़ी गांव में भी भगवान भास्कर ने दर्शन दिए हैं. ऐसे में यहीं उनका मंदिर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन मूर्ति को गांव से जबरन ले जाना चाहेगी, तो ग्रामीण उसका विरोध करेंगे और मूर्ति ले जाने से पहले 10 हजार ग्रामीण को साथ ले जाना पड़ेगा.
बैठक में हुए फैसले के बाद बाद श्रद्धालु मूर्ति को अपने कंधे पर उठाकर गांव के बीचों-बीच स्थित पांच देव की मंदिर में ले गए. वहां मूर्ति को रखकर पूजा-अर्चना प्रारंभ कर दी गई. सूर्य भगवान की मूर्ति मिलने के बाद से ही गांव में भक्ति मय माहौल बना हुआ है.
ग्रामीणों का कहना है कि हमारा सौभाग्य है कि हमारे गांव में भगवान भास्कर की मूर्ति मिली है. उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग या बिहार संग्रहालय इस प्रतिमा पर अपना अधिकार जमाना चाहती है. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में भगवान भास्कर की मूर्ति को स्थापित कर यहां मंदिर बनवाया जाएगा.