झारखंड की राजनीति में लगातार हलचल जारी है. नए सीएम के तौर पर चंपई सोरेन ने शपथ भले ही ले ली है, लेकिन जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता, मौजूदा JMM सरकार पर राजनीतिक संकट बरकरार है. इसी बीच कयास ये लग रहे हैं कि क्या झारखंड में सोरेन सरकार बचेगी? कहीं चंपई सोरेन के साथ कोई खेल तो नहीं हो जाएगा. या फिर इन कयासों से परे JMM विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन करेगी और समर्थन जीत कर फ्लोर टेस्ट में विश्वास हासिल करेगी?
सवालों के बीच, झारखंड से एक चौंकाने वाली भी खबर आई थी. साहिबगंज से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम की ओर से विरोधी तेवर देखने को मिले. झारखंड के इस सियासी संकट और सोमवार को होने वाली संभावित गतिविधियों पर डालते हैं एक नजर-
सोमवार को झारखंड सरकार का अहम दिन
झारखंड में सियासी गहमागहमी जारी है. सोमवार को झारखंड की मौजूदा सरकार के लिए अहम दिन है. क्योंकि कल ही ये साबित हो जाएगा कि, झारखंड सरकार रहेगी या जाएगी. खेला होगा या फिर JMM अपनी ताकत दिखाएगी. चंपई सोरेन दावा कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत है, मगर बीजेपी कह रही है कि झारखंड में भी अभी खेल होना बाकी है. दोनों तरफ से बयानों का दौर है, सियासी शोर और जारी है.
चंंपई सोरेन बने सीएम लेकिन संकट बरकरार
झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन भले हो गया हो, लेकिन संकट के बादल अभी तक छटे नहीं हैं. एक ओर विधानसभा में बहुमत साबित करने की तैयारी हो रही है. हैदराबाद में ठहराए गए विधायक रांची पहुंच रहे हैं. वहीं विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले झारखंड में विरोध के सुर भी उठने लगे हैं.
विधायक लोबिन हेंब्रम के विरोधी तेवर
दरअसल साहिबगंज से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम की ओर से विरोधी तेवर देखने को मिले तो इससे सब चौंक गए. उन्होंने एक सभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा से अलग होने की बात कहकर चौंका दिया. इतना ही नहीं जमीन घोटाले के आरोपों पर पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
झारखंड बचाओ मोर्चा के बैनर तले विधायक लोबिन हेंब्रम ने जमकर भड़ास निकाली और अपनी ही पार्टी पर खूब बरसे. हालांकि बयान पर सियासत हुई तो उन्होंने फ्लोर टेस्ट में चंपई सोरेन के समर्थन का ऐलान किया.
विरोध के सुर के बीच एकजुट रखने की कोशिश
विरोध के ऐसे सुर के बीच विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश हो रही है, क्योंकि बीजेपी लगातार इस बात का दावा करती रही है कि चंपई सोरेन के सीएम बनने के बाद भी JMM और गठबंधन सरकार में सबकुछ सही नहीं है. JMM में जिस तरह की अफरातफरी हो रही है उससे लग रहा है कि सब कुछ ठीक नहीं है. हालांकि JMM ऐसे दावों को बेबुनियाद बता रही है. नंबर गेम में सरकार को सुरक्षित बता रही है. चंपई सोरेन पहले ही 43 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को सौंप चुके हैं.
लोबिन हेम्ब्रोम भी समर्थन के लिए राजी
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के विधायक लोबिन हेम्ब्रोम रविवार को चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार को सशर्त समर्थन देने पर सहमत हुए हैं. झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन के साथ चर्चा के बाद, हेम्ब्रोम ने कई मांगों की रूपरेखा तैयार की, जिन्हें 5 और 6 फरवरी को महत्वपूर्ण विश्वास मत के दौरान उनके समर्थन के लिए पूरा किया जाना चाहिए.
क्या थीं लोबिन हेम्ब्रोम की मांगे
1. राज्य भर में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
2. वनों की सुरक्षा और जल संरक्षण की मांग
3. ग्राम सभा, स्थानीय ग्राम परिषद की स्पष्ट मंजूरी के बिना राज्य या केंद्र सरकार द्वारा कोई भी भूमि अधिग्रहित नहीं की जानी चाहिए.
4. ग्राम सभा की सहमति के बिना खनन पट्टों के आवंटन पर रोक लगाना
5. पुनर्वास आयोग की स्थापना की भी मांग
6. आदिवासियों और स्थानीय लोगों के खिलाफ दायर मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए समर्पित एक विशेष अदालत के निर्माण की मांग
7. झारखंड में उचित अधिवास नीति की घोषणा और कार्यान्वयन की मांग की.
रांची पहुंच रहे गठबंधन सरकार के विधायक
बहरहाल, गठबंधन सरकार के विधायक अब रांची पहुंच रहे हैं. सरकार को विधानसभा में शक्ति प्रदर्शन करना है. हालांकि उससे पहले ऐसी तैयारी को देखते हुए सवाल उठ रहा है कि क्या झारखंड के सियासी झगड़े में अभी गेम ओवर नहीं हुआ है. सत्ता पक्ष के विधायकों के रांची पहुंचने के बाद भी तमाम दावों और तमाम अटकलों का दौर चल रहा है, जो झारखंड के सियासी ताप को बढ़ा रहा है.
क्या सोमवार को ही होगा मंत्रिमंडल विस्तार?
इसी बीच सामने आया है कि, विश्वास मत के बाद झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मंत्री पद पर मुहर लग सकती है. सूत्रों से पता चला है कि चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन सूची को अंतिम रूप दे सकते हैं. झारखंड कैबिनेट में अधिकतम 12 मंत्री शामिल किये जा सकते हैं. 9 सीटें अभी भी खाली हैं.
एक विधायक नहीं ले सकेंगे फ्लोर टेस्ट में भाग
JMM विधायक रामदास सोरेन विश्वास मत में भाग नहीं लेंगे. वह अस्वस्थ हैं और गुर्दे की समस्या से जूझ रहे हैं. वह अपोलो इंद्रप्रस्थ दिल्ली में भर्ती हैं. रांची विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले झामुमो गठबंधन सहयोगियों के शक्ति प्रदर्शन के लिए मंच तैयार है.
रांची में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
झारखंड में चल रहे राजनीतिक संकट के लिए सोमवार का दिन अहम होने वाला है. यहां विधानसभा में सोमवार में फ्लोर टेस्ट होना है. ऐसे में राहुल गांधी की न्याय यात्रा और सार्वजनिक रैली से पहले रांची में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की तैयारी है. इसके साथ ही हैदराबाद भेजे गए सभी विधायक रांची लौट रहे हैं.
सुबह 11 बजे शुरू होगा विधानसभा का विशेष सत्र
विधानसभा का विशेष सत्र सुबह 11 बजे शुरू होगा जो राज्यपाल के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू होगा क्योंकि यह नई सरकार के शपथ ग्रहण का पहला दिन है. यह इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि ईडी की हिरासत में मौजूद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को भी फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा में लाया जाएगा.
हेमंत सोरेन भी पहुंचेंगे विधानसभा
आईजी रांची ने विधानसभा सचिवालय से मुलाकात कर ईडी द्वारा हेमंत सोरेन को विधानसभा लाने की जानकारी दी है. चूंकि अदालत का आदेश ईडी के निर्देशों से संबंधित है, इसलिए विधानसभा सचिवालय ने इस संबंध में अदालत के आदेश को लिखित रूप से अग्रेषित करने के लिए कहा है. ईडी अधिकारियों की भारी सुरक्षा के बीच हेमंत सोरेन को विधानसभा लाया जाएगा.
झारखंड में क्या हुआ था?
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, हेमंत सोरेन, जिन्हें 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था, ने चंपई सोरेन को अपने उत्तराधिकारी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक दल के नेता के रूप में नामित किया था. अनुभवी और झामुमो के संस्थापक सदस्यों में से एक चंपई सोरेन ने शुक्रवार को राजभवन में शपथ ली. चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नई सरकार ने अब सदन में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट की मांग की है. झारखंड के लगभग 40 गठबंधन विधायक, जो भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त की आशंकाओं के बीच हैदराबाद चले गए थे, मतदान में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम 6 बजे पूर्वी राज्य में लौट आएंगे. शनिवार को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत से भाग लेने की अनुमति मिलने के बाद सोरेन भी विश्वास मत में भाग लेने के लिए तैयार हैं.