आइजोल1 मिनट पहले
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मिजोरम सरकार ने एयरक्राफ्ट की तस्वीरें शेयर की हैं। इसमें विमान जंगल के अंदर गिरा हुआ है। इसपर क्रू मेंबर्स सहित कुल 14 लोग सवार थे।
म्यांमार का एक मिलिट्री एयरक्राफ्ट मंगलवार को मिजोरम के लेंगपुई एयरपोर्ट के रनवे पर फिसल गया। इसमें क्रू मेंबर्स सहित 14 लोग सवार थे। हादसे में 8 लोगों के घायल होने की सूचना है। छह लोग सुरक्षित हैं।
मिजोरम के एक अधिकारी ने बताया कि छोटे साइज का ये एयरक्राफ्ट म्यांमार से भागकर भारत आए सैनिकों को वापस लेने आया था। लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गया। घायलों को लेंगपुई अस्पताल ले जाया गया है।
असम राइफल्स के मुताबिक, विद्रोहियों के हमले से बचने के लिए 17 जनवरी को म्यांमार के 276 सैनिक मिजोरम के लॉन्ग्टलाई जिले में घुसे थे। उन्होंने असम राइफल्स से शरण मांगी थी। सोमवार को इनमें से 184 को वापस म्यांमार भेजा गया था।
म्यांमार सैनिकों की ये तस्वीर लांग्टलाई जिले के बॉन्डुकबंगसोरा गांव में कुछ दिनों पहले ली गई थी।
भारत-म्यांमार बॉर्डर पर फेंसिंग कराएगी सरकार
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 20 जनवरी को असम में ऐलान किया था कि भारत-म्यांमार बॉर्डर पर खुली सीमा की फेंसिंग की जाएगी। म्यांमार से घुसपैठ को रोकने के लिए दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट को भी सरकार बंद करने जा रही है।
शाह ने गुवाहाटी में हुई असम पुलिस की पासिंग आउट परेड में कहा- म्यांमार के साथ हमारी खुली सीमा है। इसे हम बांग्लादेश की तर्ज पर बाड़ (फेंसिंग) लगाकर सुरक्षित करेंगे। शाह ने यह ऐलान भी किया कि सरकार दोनों के बीच फ्री मूवमेंट एग्रीमेंट पर भी पुनर्विचार कर रही है। आने-जाने की इस सहूलियत को ही सरकार बंद करने जा रही है।
म्यांमार की सीमा भारत के 4 राज्यों से लगती है। दोनों देशों के बीच 1600 किलोमीटर का बॉर्डर है। भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट का एग्रीमेंट 1970 में हुआ था। तब से सरकार इसे लगातार रिन्यू करती रही है। आखिरी बार इसे 2016 में रिन्यू किया गया था।
म्यांमार शरणार्थी भारतीय बॉर्डर कैसे आसानी से पार कर लेते हैं
यंग मिजो एसोसिएशन के सचिव लालनुन्तलुआंगा कहते हैं कि भारत और म्यांमार की सीमा से इधर-उधर जाना आसान है। बॉर्डर के दोनों तरफ 25 किलोमीटर तक जाने की छूट है। ऐसे में म्यांमार से लोग आसानी से भारत पहुंच जाते हैं।
आइजॉल के गवर्नमेंट जॉनसन कॉलेज में प्रोफेसर डेविड लालरिनछाना का कहना है कि म्यांमार के चिन और मिजोरम के मिजो लोगों के बीच अच्छे रिश्ते हैं। ये अपने को एक-दूसरे के पूर्वज मानते हैं। यही वजह है कि चिन विस्थापितों लोगों को मिजोरम में सहयोग मिलता है।
म्यांमार में फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद से अवैध प्रवासियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस दौरान करीब 40 हजार शरणार्थियों से मिजोरम में पनाह ली। वहीं करीब 4 हजार रिफ्यूजी मणिपुर पहुंचे।
मिजोरम और म्यांमार के चिन प्रांत के बीच 510 किलोमीटर लंबी सीमा है।
म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना ने इमरजेंसी की घोषणा की
फरवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने लोकतांत्रिक सरकार को हटाकर सस्ता पर कब्जा कर लिया। वहां की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी। इसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध चल रहा है, जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं। मिजोरम पुलिस के मुताबिक, बीते कुछ महीनों से भारत-म्यांमार सीमा के आसपास गतिविधियां बढ़ी हैं। हजारों की संख्या में म्यांमारी लोग भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।