वॉशिंगटन27 मिनट पहले
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वल्कन सेंटौर रॉकेट के जरिए पेरेग्रीन-1 लैंडर फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से स्पेस में भेजा गया।
अमेरिका ने सोमवार को एक स्पेसक्राफ्ट चांद पर भेजा। यह स्पेसक्राफ्ट नासा का नहीं बल्कि एक प्राइवेट कंपनी का है। हालांकि इस स्पेसक्रफ्ट पर लगे 5 पेलोड नासा के हैं। इस पर कुल 15 पेलोड लगे हैं।
द गार्डियन के मुताबिक, एस्ट्रोबोटिक कंपनी का पेरेग्रीन-1 लैंडर 8 जनवरी को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:48 बजे लॉन्च किया गया। इसकी लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से हुई। यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के वल्कन सेंटौर रॉकेट ने इस लैंडर को लेकर उड़ान भरी।
तस्वीर यूनाइटेड लॉन्च अलायंस के वल्कन सेंटौर रॉकेट की है। इसके जरिए पेरेग्रीन-1 लैंडर स्पेस में भेजा गया।
चंद्रमा पर पानी के मोलेक्युल्स का पता लगाएगा
यह मिशन नासा की कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) पहल का हिस्सा है। इसका मकसद चंद्रमा के रहस्यों की खोज करना है। पेरेग्रीन-1 पर लगे अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के पेलोड चंद्रमा पर पानी के मोलेक्युल्स का पता लगाएंगे। इसके अलावा लैंडर के चारों ओर रेडिएशन और गैसों को मापने का काम किया जाएगा। इससे हमें पता चलेगा कि आखिर सोलर रेडिएशन चांद की सतह के साथ कैसे संपर्क करती है।
चंद्रमा के मध्य-अक्षांश क्षेत्र पर लैंड करेगा
नासा के मुताबिक अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो पेरेग्रीन-1 लैंडर 23 फरवरी को चंद्रमा के मध्य-अक्षांश क्षेत्र (mid-latitude region) पर लैंड करेगा। इस इलाके को साइनस विस्कोसिटैटिस या स्टिकनेस की खाड़ी कहा जाता है।
लॉन्चिंग के 15 मिनट बाद ही वल्कन सेंटौर रॉकेट पृथ्वी के ऑर्बिट में पहुंच गया।
पेरेग्रीन-1 से मानव अवशेष स्पेस में भेजे गए हैं
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक पेरेग्रीन-1 एक साइंटिफिक वेसेल है। इसमें जूते के डिब्बे के आकार का रोवर, एक फिजिकल बिटकॉइन और यहां तक कि जीन रोडडेनबेरी, आर्थर सी क्लार्क जैसी हस्तियों के अवशेष और DNA रखे गए हैं। द गार्डियन के मुताबिक, इसमें जापान लूनर ड्रीम कैप्सूल भी रखा गया है। इस कैप्सूल में दुनियाभर के बच्चों के एक लाख 85 हजार से ज्यादा मैसेज हैं।
50 साल बाद किसी अमेरिकी स्पेसक्राफ्ट की चांद पर लैंडिंग होगी
यह 50 साल में पहली बार होगा जब कोई अमेरिकी मिशन चांद पर उतरने जा रहा है। इसके पहले 1972 में अपोलो 17 मिशन ने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी। इसके बाद अमेरिका ने साल 2022 में आर्टिमिस-1 मिशन को चांद पर रवाना किया था। लेकिन वह स्पेसक्राफ्ट चांद पर उतरा नहीं था।
आर्टिमिस-1 ने चांद का चक्कर लगाया था। साल 2024 में नासा आर्टिमिस-2 मिशन को लॉन्च करने वाला है। आर्टिमिस-2 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर भेजा जाएगा। हालांकि वो भी चांद पर लैंड करने के बजाए, उसका चक्कर लगाकर लौट आएंगे।