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विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त लेखाकार और एआईटी के लॉ अफसर को जतिन्दर सिंह निवासी प्रताप ऐवेन्यू, अमृतसर की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। जिसने इसे लेकर मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर शिकायत दर्ज करवाई थी।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत में लॉ अफसर, लेखाकार ने जिला अदालत के निर्देशों पर उसकी जमीन एक्वायर करने के बदले 20 फीसदी अतिरिक्त मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये की राशि जारी करवाने के बदले आठ लाख रुपये वसूले थे। शिकायतकर्ता ने उक्त लॉ अफसर से रिश्वत की राशि की अदायगी संबंधी बातचीत रिकॉर्ड की थी, जिसे शिकायतकर्ता ने सबूत के तौर पर ब्यूरो को सौंपा था।
प्रवक्ता के मुताबिक जांच के दौरान उक्त लॉ अफसर ने खुलासा किया कि उसने लेखाकार विशाल शर्मा को 8 लाख रुपये के चेक सौंपे थे, जो शिकायतकर्ता से हुई बातचीत संबंधी ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग में सच साबित हुए।
वहीं लेखाकार ने शिकायतकर्ता को बढ़ा हुआ मुआवजा देने के लिए एस्टीमेट पर हस्ताक्षर किए हैं, जोकि शिकायतकर्ता से रिश्वत के पैसे लेने के लिए दोनों की मिलीभुगत जाहिर करता है। जांच के बाद ब्यूरो ने लेखाकार को शिकायतकर्ता से 8 लाख रुपये रिश्वत लेने का आरोपी पाए जाने पर गिरफ्तार किया कर लिया।