सांकेतिक तस्वीर।
विस्तार
पदोन्नति देने में पंजाब सरकार की देरी की वजह से 470 इंस्पेक्टरों को अपना हक पाने में नौ साल का समय लग गया। देरी का नतीजा यह रहा कि 21 दिसंबर 2023 को आदेश जारी होने तक 298 इंस्पेक्टर रिटायर हो चुके हैं, जबकि शेष की या तो मौत हो चुकी है या फिर उनके प्रमोशन में कोई तकनीकी रुकावट आ गई है।
मामला इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता सूची से जुड़ा था, जहां पंजाब आर्म्ड फोर्स और जिला कैडर पुलिस अधिकारियों की वरिष्ठता को लेकर विवाद पैदा हुआ था। इस मामले में इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह ने 2011 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हाईकोर्ट ने 2014 में इस पर फैसला सुनाते हुए कहा था कि 2008 से पहले की पीएपी व जिला पुलिस की संयुक्त वरिष्ठता सूची तैयार की जाए।
इस सूची के आधार पर ही पदोन्नति से जुड़ा निर्णय लिया जाए, जिसके बाद पंजाब डीजीपी कार्यालय की तरफ से 22 जनवरी 2018 को इंस्पेक्टर से डीएसपी पदोन्नत होने वाले इंस्पेक्टरों की वरिष्ठता सूची जारी की गई। किस तिथि से किस इंस्पेक्टर को डीएसपी बनाना है, इसके लिए एक डीमड डेट कमेटी का गठन किया गया। कमेटी को तीन साल यह तय करने में लग गए कि प्रमोशन देकर किस इंस्पेक्टर को किस तारीख से डीएसपी बनाना है।
कमेटी की तरफ से 30 जुलाई 2021 को रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें 470 इंस्पेक्टर ही डीएसपी बनने के योग्य पाए गए हैं। इसके बाद गृह विभाग के सचिव गुरकीरत किरपाल सिंह ने 21 दिसंबर 2023 को लिखित आदेश जारी कर 298 रिटायर हो चुके इंस्पेक्टरों को रिटायर डीएसपी बना दिया है।