बेंगलुरु3 मिनट पहले
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कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा है कि अयोध्या जाने वाले लोगों को कर्नाटक सरकार सुरक्षा मुहैया कराए।
अयोध्या में 22 जनवरी को राम लला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। तैयारियां जोरों-शोरों पर चल रही हैं। साथ ही राम लला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बयानबाजी भी जारी है।
बुधवार (3 जनवरी) को कर्नाटक कांग्रेस के नेता और MLC बीके हरिप्रसाद ने कहा- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले कर्नाटक में गोधरा कांड जैसी घटना होने की आशंका है। कर्नाटक सरकार को सतर्क रहना चाहिए।
साल 2002 के गोधरा ट्रेन अग्निकांड ने गुजरात को सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगों में से एक में झोंक दिया था। इसलिए अयोध्या जाने के इच्छुक लोगों के लिए कर्नाटक सरकार को व्यवस्थाएं करनी चाहिए। ताकि हमें एक और गोधरा कांड नहीं देखना पड़े।
उन्होंने कहा कि बहुत से संगठनों के प्रमुख कुछ राज्यों में गए और भाजपा नेताओं से मिलकर उन्हें उकसाया है। इसलिए गोधरा कांड जैसी घटना होने की पूरी आशंका है।
राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह राजनीतिक कार्यक्रम
हरिप्रसाद ने कहा कि राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह धार्मिक नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम है। कोई हिंदू धर्म गुरु राम मंदिर का उद्घाटन करता तो आप और मैं बिना किसी निमंत्रण के अयोध्या जाते।
मेरी समझ से चार शंकराचार्य हिंदू धर्म के प्रमुख हैं। यदि चारों शंकराचार्यों या किसी धर्मगुरु ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया होता तो मैं भी कार्यक्रम में शामिल होता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह धर्मगुरु नहीं बल्कि राजनीतिक नेता हैं। हमें इस बात को ध्यान में रखना होगा।
गोधरा कांड क्या है?
27 फरवरी 2002 की सुबह पौने 8 बजे अयोध्या से लौट रही कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस गोधरा स्टेशन पहुंची। जैसे ही गोधरा स्टेशन से ट्रेन चली, किसी ने ट्रेन की चेन खींच ली। इसके बाद 1500 से ज्यादा दंगाइयों की भीड़ ट्रेन पर पत्थर फेंकने लगे। यही नहीं ट्रेन के जिस S-6 बोगी में कारसेवक बैठे थे, उस बोगी के गेट को बंद कर उसमें आग लगा दी गई।
इस घटना में 89 लोग जिंदा जला दिए गए थे। जिसके बाद अहमदाबाद की गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में बेकाबू भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी। फिर गुजरात के कई हिस्सों में दंगे की आग फैल गई थी। भारत सरकार के मुताबिक, इस दंगे में 1,267 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
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