नई दिल्ली4 मिनट पहले
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कतर में 26 अक्टूबर को भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई गई थी। (रिप्रेजेंटेशनल इमेज)
कतर में कथित तौर पर जासूसी के आरोपी 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा पर वहां की अदालत ने रोक लगा दी है। अब सजा-ए-मौत की जगह इन भारतीयों को जेल में रहना होगा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है। कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने फैसला गुरुवार को सुनाया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा- फैसले की डीटेल्स का इंतजार है। इसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा।
सुनवाई के दौरान भारत के एम्बेसेडर अदालत में मौजूद थे। उनके साथ सभी 8 परिवारों के सदस्य भी थे। भारत ने इसके लिए स्पेशल काउंसिल नियुक्त किए थे। हालांकि, फैसले की विस्तार से जानकारी अभी नहीं दी है।
तस्वीर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची की है। पिछले महीने उन्होंने इस मामले पर विस्तार से जानकारी दी थी। (फाइल)
विदेश मंत्रालय बोला- फैसले की डीटेल्स का इंतजार
भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से इस बारे में लिखित बयान जारी किया गया है। इसमें सजा-ए-मौत को कैद में बदले जाने की जानकारी दी गई है। बयान के मुताबिक- कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने ‘दाहरा ग्लोबल केस’ में 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की सजा में कमी कर दी है। फैसले की डीटेल्स का इंतजार है।
बयान के मुताबिक- कतर में हमारे एम्बेसडर और दूसरे अफसर आज अदालत में मौजूद थे। इसके अलावा सभी नौसैनिकों के परिजन भी वहां थे। हम अपने नागरिकों की हिफाजत के लिए शुरू से खड़े रहे हैं और आगे भी कॉन्स्यूलर एक्सेस समेत तमाम मदद दी जाएगी। इसके अलावा कतर एडमिनिस्ट्रेशन के साथ इस मुद्दे पर हम बातचीत जारी रखेंगे।
3 दिसंबर को भारत के एम्बेसडर ने की थी मुलाकात
इससे पहले 3 दिसंबर को कतर में मौजूद भारत के एम्बेसडर निपुल ने आठों पूर्व नौसैनिकों से मुलाकात की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बादची ने इसकी जानकारी दी थी। बागची ने कहा था- हमने पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ अपील की थी। इसके बाद 2 बार सुनवाई हो चुकी है। हम मामले पर नजर बनाए हुए हैं। उन्हें सभी कानूनी और काउंसलर मदद दी जा रही है।
23 नवंबर को नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ लगाई गई याचिका को कतर की अदालत ने स्वीकार कर लिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 9 नवंबर को अपील दायर करने की जानकारी दी थी।
रिटायर्ड कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में उनकी सेवाओं के लिए साल 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला था।
उन्होंने कहा था- भारत को इन सैनिकों से मुलाकात के लिए दूसरा काउंसलर एक्सेस भी मिल गया है। भारत सरकार लगातार कतर के संपर्क में है। कतर में जिन 8 पूर्व नौसेना अफसरों को मौत की सजा दी गई है उनके नाम हैं- कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी, कमांडर सुग्नाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता, कमांडर अमित नागपाल और सेलर रागेश।
रिपोर्ट का दावा- पूर्व भारतीय नौसेनिकों पर जासूसी का आरोप
26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को मौत की सजा सुनाई थी। फाइनेंशियल टाइम्स के अनुसार, आठ भारतीयों पर इजराइल के लिए जासूसी करने का आरोप है। अल-जजीरा की एक रिपोर्ट के अनुसार इन लोगों पर कतर के सबमरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी इनफॉर्मेशन इजराइल को देने का आरोप है।
हालांकि, कतर ने कभी आरोप सार्वजनिक नहीं किए। 30 अक्टूबर को इन नौसैनिकों के परिवारों ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक भारत कतर को मनाने के लिए तुर्किये की मदद ले रहा है।
तुर्किये के कतर के शाही परिवार के साथ अच्छे संबंध हैं, इसलिए भारत सरकार ने उसे मध्यस्थता के लिए अप्रोच किया है। भारत सरकार ने मदद के लिए अमेरिका से भी बात की है। इसकी वजह ये है कि रणनीतिक तौर पर अमेरिका की कतर पर ज्यादा मजबूत पकड़ है।
सरकार को गिरफ्तारी की जानकारी ही नहीं थी
कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी के स्टेट सिक्योरिटी ब्यूरो ने इंडियन नेवी के 8 पूर्व अफसरों को 30 अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि, भारतीय दूतावास को सितंबर के मध्य में पहली बार इनकी गिरफ्तारी के बारे में बताया गया था।
30 सितंबर को इन भारतीयों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ थोड़ी देर के लिए टेलीफोन पर बात करने की मंजूरी दी गई थी। पहली बार काउंसलर एक्सेस 3 अक्टूबर को गिरफ्तारी के एक महीने बाद मिला। इस दौरान भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को इनसे मिलने दिया गया था।
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कतर ने भारतीय नौसेना के जिन 8 पूर्व अफसरों को मौत की सजा सुनाई है, उनसे पूछताछ के दौरान सख्ती की गई थी। यह खुलासा कतर की राजधानी दोहा में मौजूद भास्कर के सूत्रों ने किया है। कतर की इंटेलिजेंस एजेंसी ‘कतर स्टेट सिक्योरिटी’ ने पिछले साल अगस्त में इन पूर्व अफसरों गिरफ्तार किया था। पूरी खबर पढ़ें…