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संसद परिसर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री विवाद और साक्षी मलिक के कुश्ती छोड़ने को जाट समाज से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। उपराष्ट्रपति के समर्थन में भाजपा खड़ी हो गई तो साक्षी समेत अन्य पहलवानों के साथ कांग्रेस नेता आ गए हैं। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने विवाद को जाट समाज का अपमान बताया। भाजपा ने भी इस विवाद को जाट समाज से जोड़ते हुए विपक्ष के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन का एलान किया। वहीं, पहलवानों के मुद्दे पर कांग्रेस ने खुलकर समर्थन दिया।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके बेटे व सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने पहले बजरंग पुनिया और साक्षी से मुलाकात की। बाद में दोनों को प्रियंका गांधी के निवास पर ले गए। इसी मुद्दे पर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने बाक्सर वीरेंद्र के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा नेताओं को घेरा।
दरअसल, इन दोनों विवादों के बीच दोनों राजनीतिक दलों का निशाना कहीं और है। हरियाणा में 10 महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं। उससे पहले लोकसभा के चुनाव भी तय हैं। हरियाणा की आबादी में 23-25 फीसदी जाट हैं। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से कम से कम 40 सीटों पर जाटों का महत्वपूर्ण असर है।