ग्वालियर जिले की बहुचर्चित विधानसभा सीट पर एक बार फिर समधी ने समधन को चुनाव में हरा दिया. सिंधिया समर्थक बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी की यह दूसरी हार है. कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश राजे ने यह कांटे का मुकाबला 2267 वोटों से जीत लिया.
दरअसल, मध्य प्रदेश की मुखर महिला नेत्री और अपने बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहने वालीं इमरती देवी के भाई की बेटी की शादी सुरेश राजे के बड़े भाई के बेटे से हुई है. इस नाते रिश्ते में दोनों समधी-समधन लगते हैं.
रविवार को मतगणना के दौरान इमरती देवी और सुरेश राजे 16वें राउंड तक आगे पीछे होते रहे, लेकिन फिर 17वें राउंड से कांग्रेस प्रत्याशी ने पकड़ मजबूत बनी रही और फाइनल 19वें राउंड में मुकाबला जीत लिया.
इस चुनावी लड़ाई में कांग्रेस के सुरेश राजे को 84717 वोट मिले जबकि बीजेपी की इमरती देवी 82450 मत हासिल कर सकीं. यानी कांग्रेस ने 2267 वोटों से विधानसभा सीट जीत ली.
बता दें कि इमरती देवी ने कांग्रेस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया था. सबसे पहला चुनाव इमरती ने हाथ के पंजे के निशान पर साल 2008 में जीता. इसके बाद 2013 और 2018 में भी तगड़ी जीत हासिल की.
इसी बीच, साल 2020 में मध्य प्रदेश की राजनीति में हुए बड़े घटनाक्रम के दौरान इमरती देवी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था.
उसी साल हुए उपचुनाव में बीजेपी ने इमरती को डबरा सीट से ही टिकट दिया, लेकिन रिश्ते के समधी सुरेश राजे ने कांग्रेस से टिकट लेकर समधन को 7568 से हार का स्वाद चखा दिया.
इससे पहले साल 2013 के चुनाव में दोनों पहले बार आमने-सामने आए थे, तब भाजपा से चुनाव लड़े सुरेश राजे को कांग्रेस की इमरती देवी से पराजित होना पड़ा था. डबरा सीट पर 2018 के चुनाव में इमरती से बीजेपी के कप्तान सिंह सहसारी चुनाव हारे थे.
अब ग्वालियर जिले की 6 सीटों की बात करें तो ग्वालियर दक्षिण, भितरवार और ग्वालियर सीट पर बीजेपी को जीत मिली है, जबकि ग्वालियर ग्रामीण, डबरा और ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्रों पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है.
बता दें कि मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी प्रचंड जीत हासिल करते हुए 166 सीटें अपने नाम कर ली हैं. जबकि कांग्रेस 66 सीटों पर ही सिमट गई. इसके अलावा एक सीट भारत आदिवासी पार्टी के खाते में गई.