लालड़ू। तसिंबली से रानीमाजरा जाने वाले लिंक रोड में चार महीने पहले बारिश के दौरान आई दरार के बाद वहां छप्पड़ बन गया था। मंगलवार रात एक मोटरसाइकिल चालक छप्पड़ में गिर गया। रात को खेतों में पानी दे रहे किसान आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे और युवक को निकाला लेकिन तब तक युवक की मौत हो चुकी थी। मृतक ही पहचान जगतार सिंह (25) निवासी सारंगपुर के रूप में हुई है। हंडेसरा थाना पुलिस ने इस मामले में धारा-174 के तहत कार्रवाई करके शव परिवार को सौंप दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि उक्त सड़क में करीब चार महीने पहले बारिश के दौरान दरार आ गई थी। इस दौरान छप्पड़ में गिरने से अब तक दो लोगों की मौत हो गई है। कई लोग घायल हो चुके हैं। इसके बावजूद मंडी बोर्ड और प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है। तीन दिन पहले भी इस जगह गिरने से सारंगपुर के 33 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। तब भी धारा-174 की कार्रवाई की गई है। अब सवाल उठ रहा है कि इन हादसों में हुई मौतों के लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाए।
सड़क के बीचोंबीच बने छप्पड़ के बारे में जानकारी देते हुए गांव तसिंबली के सरपंच नायब सिंह बाजवा और ग्रामीण अवतार सिंह, गुरदेव सिंह, दीदार सिंह आदि ने बताया कि गांव रानीमाजरा से तंसिबली को जोड़ने वाली सड़क के किनारे टूटने के साथ-साथ में बारिश के दिनों में 40 फीट लंबी और 50 फीट चौड़ी दरार आने से छप्पड़ बन गया था। इस समय छप्पड़ में आठ फीट पानी भरा है। शुरू से ही पंचायत और ग्रामीणों ने इस संबंधी सूचना मंडी बोर्ड और प्रशासन के अधिकारियों को दे दी गई थी लेकिन किसी ने भी इस ध्यान देना उचित नहीं समझा। ग्रामीणों ने कहा कि यह मंडी बोर्ड और प्रशासन की लापरवाही के कारण यह सड़क पूरी तरह से बंद हो चुकी है। इसके बावजूद कई बार रात को अंधेरे में वे लोग इस सड़क पर हादसे का शिकार हो जाते हैं जिन्हें पता नहीं कि सड़क टूटी हुई है।
अवैध कॉलोनी बनने से प्राकृतिक बहाव बदला
ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इस सड़क पर बने कॉजवे पर अवैध कॉलोनी का निर्माण होने से प्राकृतिक पानी का बहाव भी इसी ओर हो गया है। इसके चलते बरसात के पानी के कारण सड़क कई जगह से टूट गई है। ग्रामीणों ने हलका विधायक कुलजीत सिंह रंधावा से इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देने की अपील करते हुए अधिकारियों को इस मामले में स्पष्ट निर्देश देने की मांग की है।
सड़क पर नहीं की बैरिकेडिंग
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क पर दरार आने के बाद वहां कोई बैरिकेडिंग नहीं है। आसपास के लोगों को तो पता है कि वहां सड़क पर दरार आने के बाद से वहां छप्पड़ बना है लेकिन बाहर से आने वाले लोगों को इस बात का नहीं पता है और वहां पर बैरिकेडिंग भी नहीं की गई है। उन्होंने प्रशासन से सड़क जल्द बनाने की मांग की है।
कोट
बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई इस सड़क के नुकसान के बारे में डीसी आशिका जैन को रिपोर्ट भेज दी गई है। जैसे ही डीसी कार्यालय इस सड़क को लेकर कोई निर्णय होगा तो तुरंत छप्पड़ को भरा जाएगा। -जसविंदर सिंह, एसडीओ, मंडी बोर्ड