तेल अवीव/दोहा4 घंटे पहले
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कनाडा के टोरंटो में सोमवार को लोगों ने बंधकों की सुरक्षित रिहाई की मांग की।
इजराइल और हमास के बीच 46 दिन से जंग जारी है। इस बीच ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों पक्ष जल्द ही सीजफायर का ऐलान कर सकते हैं। खुद इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि जल्द अच्छी खबर मिल सकती है।
नेतन्याहू देर रात कैबिनेट मीटिंग कर रहे हैं। तमाम आला अफसरों को भी बुलाया गया है। माना जा रहा है कि हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा। इजराइल भी कुछ फिलिस्तीनियों को छोड़ेगा। इनमें बच्चे और महिलाएं ही रहेंगे। जंग कितने दिन थमी रहेगी। इसका फैसला बाकी है। हमास चीफ इस्माइल हानिए ने भी रविवार को सीजफायर की तरफ इशारा किया था।
इजराइल में डील के पहले विरोध शुरू
‘यरूशलम पोस्ट’ की मंगलवार रात पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक- 7 अक्टूबर को हमास के हमले में मारे गए इजराइलियों के परिजनों ने हमास से किसी भी तरह की डील का विरोध शुरू कर दिया है। इनके संगठन ने एक बयान जारी किया। कहा- बंधकों के बदले आतंकियों को रिहा किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा।
बयान में आगे कहा गया- अगर आज हम आतंकियों के सामने झुकते हैं और उन्हें रिहा करते हैं तो इस बात की क्या गारंटी है कि वो भविष्य में हमें फिर निशाना नहीं बनाएंगे। पहले भी यही गलती की गई थी और अब इसे दोहराने की तैयारी है। आतंकियों को किसी कीमत पर रिहाई नहीं दी जानी चाहिए।
हमास की कैद में करीब 240 बंधक हैं। इनके परिजन दो हफ्ते से इन बंधकों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। हालांकि, एक पक्ष हमास के सामने झुकने का विरोध भी कर रहा है।
पर्दे की पीछे तुर्किये का भी रोल
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक- इजराइल और हमास के बीच सीजफायर के पीछे तुर्किये का भी अहम रोल है। खुद प्रेसिडेंट रिसेप तैयप एर्दोगन ने इस बात का खुलासा किया। उनके मुताबिक- हमारे फॉरेन मिनिस्टर और इंटेलिजेंस चीफ कई दिन से सीजफायर के लिए काम कर रहे हैं। इसमें कतर का रोल अहम है।
एर्दोगन ने कहा- उम्मीद करते हैं कि इस मुश्किल का ऐसा हल निकलेगा जो बाद में सबको सुकून देगा। हम आगे भी इस मामले से जुड़े तमाम पक्षों से बातचीत करते रहेंगे।
आजाद फिलिस्तीन के पक्ष में भारत
संयुक्त राष्ट्र संघ यानी UN में सोमवार को गाजा के मानवीय हालातों पर चर्चा हुई। इस दौरान UN में भारत की राजदूत रुचिरा कम्बोज ने कहा कि भारत हमेशा से आजाद फिलिस्तीन बनाने का समर्थन करता रहा है। उन्होंने कहा है कि भारत दुनिया में हो रही हर उस कोशिश के साथ हैं, जिससे जंग की वजह से गाजा में बने मानवीय हालात सुधर सकें।
वहीं, हमास चीफ इस्माइल हानिये ने कहा है कि वो सीजफायर को लेकर होने वाली डील के काफी करीब पहुंच चुके हैं। न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक हानिये ने कहा है कि डील को लेकर हम अपने जवाब कतर और मध्यस्थता कर रहे बाकी पार्टियों को भी बता चुके हैं। अमेरिका और कतर के अधिकारियों ने भी होस्टेज डील होने की बात स्वीकार की है।
हमास की कैद में सभी बंधकों के परिजन सोमवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिले।
गाजा में अपने साथियों की गोली से मार रहे इजराइली
गाजा में ग्राउंड ऑपरेशन चला रही इजराइली सेना के अब तक 66 सैनिक मारे जा चुके हैं। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक काफी मामले ऐसे हैं जिसमें इजराइली सैनिक अपने ही साथियों की गोलियों से मर रहे हैं। इसे फ्रेंडली-फायरिंग यानी गलती से की गई फायरिंग कहा जाता है। इस तरह के मामलों में सैनिक जंग के दौरान दुश्मन पर गोली चलाते हैं पर वो गलती से उन्हीं के साथी को लग जाती है।
सिर्फ इजराइल ही नहीं हर जंग के दौरान फ्रेंडली फायरिंग के मामले सामने आते हैं, अफगान जंग के दौरान 9 जून 2014 को एक ही दिन में 5 अमेरिकी सैनिक फ्रेंडली फायर का शिकार हो गए थे। इजराली सेना ने कहा है कि वो फ्रेंडली फायर के मामलों की जांच कर रही है, ताकि आगे इन्हें होने से रोका जा सके।
वहीं, IDF ने कहा है कि अब तक 300 हमास और इस्लामिक जिहाद के लड़ाकों से पूछताछ की गई है। ये लोग इजराइल को हमास की टनल और हथियारों के ठिकानों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं।
इजराइल की इंटरनल सिक्योरिटी एजेंसी शिन बेत को हमास ठिकानों की जानकारी देते हुए हमास का एक लड़ाका।
चीन बोला- अरब देश हमारे भाई जैसे
सोमवार को मुस्लिम देशों के विदेश मंत्री चीन की राजधानी बीजिंग में इकट्ठा हुए। इस दौरान सऊदी विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान अल सऊद ने कहा, ‘हम ये साफ करना चाहते हैं कि हमें तुरंत लड़ाई और हत्याएं रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए, हमें तुरंत गाजा में मानवीय मदद भेजने की जरूरत है।’
वहीं, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि बीजिंग अरब और मुस्लिम देशों का एक अच्छा दोस्त और भाई है। चीन ने हमेशा फिलिस्तीनी लोगों के एक देश के अधिकारों और हितों को बहाल करने का समर्थन किया है।
सऊदी अरब के अलावा जॉर्डन, मिस्र, इंडोनेशिया, फिलिस्तीन और इस्लामिक सहयोग संगठन (IOC) समेत कई अन्य देशों के विदेश मंत्रियों और उनके प्रतिनिधि बैठक में शामिल रहे।
चीन में मुस्लिम देशों के प्रतिनिधियों के साथ फोटो सेशन के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी (दाएं से चौथे)।
गाजा में आग लगा दो
इस बीच, इजराइल की संसद नीसेट के डिप्टी स्पीकर और सांसद निसिम वेतुरी के बयान पर विवाद हो गया है। वेतुरी ने सोमवार को इजराइल के रेडियो चैनल 103 एफएम को इंटरव्यू दिया। कहा- इजराइल को गाजा में आग लगा देनी चाहिए। इससे कम अगर कुछ करते हैं, तो उसका कोई फायदा नहीं।
दूसरी तरफ, कैबिनेट मीटिंग की बातें लीक होने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सख्त रुख अपनाया है। नेतन्याहू जल्द ही एक कानून लाने जा रहे हैं। इसके तहत अगर कैबिनेट की बातें किसी मीडिया हाउस ने पब्लिश कीं तो उस पर एक्शन लिया जाएगा।
इजराइल की संसद नीसेट के डिप्टी स्पीकर और सांसद निसिम वेतुरी के मुताबिक गाजा में अब सिर्फ हमास आतंकी और सुरंगें बची हैं। (फाइल)
डिप्टी स्पीकर का X अकाउंट ब्लॉक
वेतुरी ने सोमवार के पहले रविवार को भी गाजा को आग के हवाले करने की मांग की थी। उन्होंने X पर एक पोस्ट में यह मांग की थी। वो सांसद भी हैं। लिहाजा, इस बयान से विवाद हुआ और बाद में X ने उनका अकाउंट ब्लॉक कर दिया। इसके बावजूद वेतुरी नहीं माने और सोमवार को इंटरव्यू में भी यही बात कही।
वेतुरी ने कहा- बताइए अब गाजा में बचा कौन है? क्या वहां आम नागरिक बचे हैं? जी नहीं, वहां सिर्फ टनल्स और हमास के आतंकी बचे हैं। उन्होंने हमारे बच्चों को मारा और उन्हें बंधक बना लिया। गाजा को खत्म कर देने में ही भलाई है, क्योंकि गाजा का मतलब हमास और हमास का मतलब गाजा है। इसलिए मैंने जो आग लगाने की बात कही है, उसका मुझे कोई अफसोस या शर्मिंदगी नहीं है।
7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के बाद कई बार ऐसा हुआ कि कैबिनेट की बातें मीडिया तक पहुंच गईं। इससे सरकार में जबरदस्त नाराजगी है। (फाइल)
कैबिनेट की बातें लीक कैसे होती हैं
नेतन्याहू ने जंग के दौरान कैबिनेट की मीटिंग की बातें लीक होने पर सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने सेंसरशिप कानून लाने की बात कही है। रविवार को मीटिंग की बातें एन-12 चैनल ने लीक कर दी थीं।
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ के मुताबिक 7 अक्टूबर को हमास से जंग शुरू होने के बाद कई बार ऐसा हुआ कि कैबिनेट की बातें मीडिया तक पहुंच गईं। इससे सरकार में जबरदस्त नाराजगी है। इससे भी बड़ी बात यह रही कि मीटिंग में दो मिनिस्टर्स के बीच बहस हुई और मीडिया ने इस बात को पब्लिश कर दिया। इससे इजराइली लोगों को यह मैसेज मिला कि इतनी बड़ी जंग के दौरान भी मंत्रियों की सोच एक जैसी नहीं है।
इजराइल हमास जंग के 5 तस्वीरें…
मिस्र में इंक्यूबेटर्स के साथ गाजा के अल-शिफा अस्पताल से आ रहे बच्चों का इंतजार करते हुए डॉक्टर्स। इन बच्चों का यहां इलाज किया जा रहा है।
राफा से मिस्र पहुंचन के बाद अस्पताल ले जाए जा रहे फिलिस्तीनी बच्चे।
गाजा के दक्षिणी इलाके में इजराइली बमबारी में घायल युवक को ले जाते हुए लोग।
गाजा में अब तक 12 हजार लोगों की जान गई है, इनमें 4 हजार से ज्यादा बच्चे शामिल हैं।
गाजा में इजराइली बमबारी में घायल एक बच्चे को लेकर भागता हुआ उसका परिजन
इजराइल ने अल-शिफा अस्पताल के नीचे एक टनल का फुटेज भी जारी किया है। ये टनल 55 मीटर की बताई गई है। वीडियो में एक इजराइली सैनिक टनल में उतरता दिख रहा है। इजराइली सेना के मुताबिक टनल में छिपकर फायर करने के लिए एक होल भी है। यहां से हमास के लड़ाके अटैक कर रहे थे।
हमास ने इस दावे को गलत बताया है। हमास ने कहा है कि जिस बंधक इजराइली महिला सैनिक की लाश अल-शिफा अस्पताल के पास मिली है वो इजराइली बमबारी में मारी गई थी। वहीं, इजराइल ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि बमबारी में सिर्फ हमास लड़ाका मारा गया था, महिला बंधकों को मामूली चोट आई थी, हमास लड़ाकों ने बाद में उसका कत्ल किया।
ये फुटेज इजराइली सेना ने जारी की है। उसने बताया है कि हमास के लोग इजराइली बंधकों की जगह बदलने के लिए उन्हें अल-शिफा अस्पताल से निकाल रहे हैं।
UN ने बताया है कि अल-शिफा अस्पताल में 31 प्रीमैच्योर बच्चों को निकालकर दक्षिणी गाजा के राफा में शिफ्ट कर दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इन बच्चों के साथ न तो इनके माता-पिता और न ही कोई परिजन है।
उनके परिजनों को ढूंढ़ने की कोशिश की जा रही है। सभी नवजातों को राफा से मिस्र ले जाया जाएगा। लगभग एक हफ्ते से इजराइली सेना अल-शिफा अस्पताल में कार्रवाई को अंजाम दे रही है। इजराइल का दावा है कि हमास ने अस्पताल में इजराइली बंधकों को छिपाकर रखा था। IDF ने एक वीडियो जारी किया है। इसे बंधकों का बताया गया है। वीडियो में कुछ लोगों को जबरन ले जाते दिखाया गया है। इसमें एक युवक स्ट्रेचर पर है।
अल-शिफा अस्पताल का मेडिकल स्टाफ बच्चों को राफा शिफ्ट करने की तैयारी करते हुए।
अरब देश इजराइल की बनाई मुसीबत से नहीं निपटेंगे
मिडिल ईस्ट के देश जॉर्डन ने कहा है कि जंग के बाद अरब देश गाजा में पीस कीपिंग मिशन के लिए अपने सैनिक नहीं भेजेंगे। जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि गाजा में मुसीबत इजराइल ने पैदा की है, लोग रोज मारे जा रहे हैं। इजराइल ये उम्मीद न करे कि अरब देश इससे पैदा होने वाली समस्याओं से निपटने में उसकी मदद करेंगे।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया है। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच क्यों है विवाद?
मिडिल ईस्ट के इस इलाके में यह संघर्ष कम से कम 100 साल से चला आ रहा है। यहां वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और गोलन हाइट्स जैसे इलाकों पर विवाद है। फिलिस्तीन इन इलाकों समेत पूर्वी यरुशलम पर दावा जताता है। वहीं, इजराइल यरुशलम से अपना दावा छोड़ने को राजी नहीं है।
गाजा पट्टी इजराइल और मिस्र के बीच में है। यहां फिलहाल हमास का कब्जा है। ये इजराइल विरोधी समूह है। सितंबर 2005 में इजराइल ने गाजा पट्टी से अपनी सेना वापस बुला ली थी। 2007 में इजराइल ने इस इलाके पर कई प्रतिबंध लगा दिए। फिलिस्तीन का कहना है कि वेस्ट बैंक और गाजा पट्टी में स्वतंत्र फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना हो।