आतिशबाजी
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दिवाली के दो दिन बीतने के बावजूद प्रदेश के 11 शहरों में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में बना हुआ है। इन शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 300 से ऊपर दर्ज किया गया जबकि बाकी शहर मध्यम श्रेणी में दर्ज किए गए हैं। विशेषज्ञ के मुताबिक गुरुवार से प्रदूषण के स्तर में थोड़ी गिरावट आ सकती है।
इन शहरों पर दिवाली पर हुई आतिशबाजी व यातायात की बढ़ीं गतिविधियों की वजह से प्रदूषण बढ़ा हुआ है। वीरवार शाम तक प्रदूषण के कण बैठ जाएंगे। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक गुरुग्राम राज्य का सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया है।
गुरुग्राम का एक्यूआई 386, फरीदाबाद का एक्यूआई 384, धारूखेड़ा का 375, हिसार का 357, रोहतक का 342, कैथल का 310, नारनौल का 335, मानेसर का 321 और कैथल का 310 दर्ज किया गया है। पिछले दिनों हुई बारिश से इन शहरों को थोड़ी राहत मिली थी, मगर दिवाली की रात हुई आतिशबाजी से इन शहरों का प्रदूषण फिर से लौट आया है।
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन शहरों के उपायुक्त व कमिश्नरों को ग्रेप तीन व चार के दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही पानी का छिड़काव करने की भी सलाह दी है। वहीं, पीजीआई के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. रविंद्रा खैवाल ने बताया कि वीरवार से हरियाणा में प्रदूषण से थोड़ी राहत मिल सकती है।
पंजाब में फिर बढ़े पराली जलाने के मामले
वहीं, पंजाब में पराली जलाने के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। हवा उत्तर पश्चिम होने की वजह से पराली का धुआं फिर से हरियाण के शहरों में आ रहा है। पंजाब में नौ नवंबर को 639, 12 नवंबर को 987 और 13 नवंबर को 1,624 मामले सामने दर्ज किए गए हैं। पंजाब में पराली जलाने की घटनाएं अब तक 28 हजार से पार हो गई हैं। वहीं, हरियाणा में मंगलवार को पराली जलाने की सिर्फ 21 घटनाएं दर्ज की गई हैं। हरियाणा में पराली जलाने की अब तक 1878 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि दिवाली की रात हरियाणा में पराली जलाने का आंकड़ा 100 के पार कर गया था। हरियाणा के कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में पराली जलाने के मामले अब कम हो गए हैं। आने वाले दिनों में इनकी संख्या और कम हो सकती है।
कहां कितना प्रदूषण
- गुरुग्राम 386
- फरीदाबाद 384
- बहादुरगढ़ 350
- बल्लभगढ़ 339
- धारूखेड़ा 375
- फतेहाबाद 305
- हिसार 357
- कैथल 310
- मानेसर 321
- नारनौल 335
- रोहतक 342