दिवाली
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चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नजदीक बसे गांव चिल्ला में सालों से एक मान्यता चल रही है, जिस वजह से इस गांव के लोग दिवाली के एक दिन बाद त्योहार का जश्न मनाते हैं। दिवाली वाले दिन वह अपने रिश्तेदारों के यहां जाकर खुशियों में शामिल होते हैं। दिवाली के अगले दिन गांव में मेला लगता है, जिसमें सारे लोग खरीदारी करते हैं और रात को दिवाली का जश्न मनाया जाता है। इस रिवाज को आज भी गांव के लोग खुशी से निभाते हैं।
चिल्ला वैसे अति आधुनिक गांव है। इसके पास ही राज्य सरकार ने आईटी सिटी और एजुकेशन सिटी बसाई है। गांव की दहलीज पर ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च जैसा देश का नामी संस्थान है। यहां पर साइंस में रोज नई-नई खोज होती हैं और लोगों के अंध विश्वास तोड़े जाते हैं। गांव के लोग भी पढ़े लिखे हैं। हर क्षेत्र में गांव वालों की धाक है। वहीं, इस गांव में सदियों पुरानी मान्यता भी निभाई जाती है।
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ये है कारण
गांव के मनिंदर सिंह के अनुसार उनके बुजुर्ग बताते थे कि कई साल पहले दिवाली की पूजा होने वाली थी। उस दिन शाम में गांव के जो पशु चरने के लिए छोड़े गए थे, वे घर नहीं आए। इसके बाद पूरा गांव पशुओं की तलाश में जुट गया। देर रात पशु पशु मिले, लेकिन तब तक दिवाली मनाई जा चुकी थी।
इसके बाद गांव के लोगों ने पशु मिलने की खुशी में त्योहार के अगले दिन दीपावली का जश्न मनाया। तब से गांव में आज तक इसी तरीके से यह पर्व मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि दीपावली के अगले दिन गांव में भव्य मेला लगता है। इसके बाद पूरे गांव में जश्न मनाया जाता है। रिश्तेदार भी उनके गांव में आते हैं। अब यह गांव सोशल मीडिया पर इस वजह से खूब चर्चा बटोर रहा है।