तेल अवीव16 मिनट पहले
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इजराइली एयरफोर्स की फ्लाइट नेविगेटर की यह तस्वीर वहां के अखबार ‘हेयोम’ ने जारी की है। उन्हें A नाम से संबोधित किया गया है।
इजराइल की रिजर्व कॉम्बैट यूनिट में तैनात मेजर ‘A’ 6 अक्टूबर को अपने सगाई के फंक्शन में थी। यह खत्म हुआ तो मैंने मंगेतर के साथ वेडिंग डेस्टिनेशन बुक किया। शादी 6 महीने बाद होनी थी। 7 अक्टूबर के बाद शादी तो दूर की बात है मेजर A ने पढ़ाई और परिवार को भी पीछे छोड़ दिया है।
मेजर की सारी खुशियां रॉकेट और हमास आतंकियों के हमले में कुचली गई। इजराइल-हमास की जंग के बीच कई कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक दास्तां इजराइली एयरफोर्स की महिला कैप्टन A की भी है। उनके मंगेतर फाइटर पायलट (कैप्टन R) हैं। 7 अक्टूबर को उनके साथ क्या हुआ था। यह कहानी उन्हीं की जुबानी, जो उन्होंने इजराइली अखबार ‘हेयोम’ को सुनाई।
इनके कोड नेम इसलिए दिए गए हैं, क्योंकि इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) अपने एक्टिव और रिजर्व सैनिकों और ग्राउंड ऑपरेशन में शामिल अफसरों के नाम सार्वजनिक नहीं करते।
इजराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) अपने एक्टिव और रिजर्व सैनिकों और ग्राउंड ऑपरेशन में शामिल अफसरों के नाम सार्वजनिक नहीं करते। (फाइल)
घर के पास गिरा था हमास का रॉकेट
मेजर A का घर रेमत डेविड एयरबेस के करीब है। मेजर A कहती हैं- रोज की तरह यूनिवर्सिटी जाने की तैयारी कर रही थी। लंबे बाल बांधे। मंगेतर साथ जाने वाले थे। अचानक घर से चंद मीटर दूरी पर रॉकेट गिरा। हम दोनों भागे और करीब के एक बम शेल्टर में छिप गए। चंद मिनट बाद पता लगा कि हमास ने कितना बड़ा हमला किया है। हम दोनों ही रेमत डेविस की स्क्वॉड्रन नंबर 105 में हैं।
वो पायलट और मैं कॉम्बैट नेविगेटर हूं। वो रेगुलर फाइटर पायलट और मैं रिजर्व फाइटर नेविगेटर हूं। बहरहाल, टीवी से पता चला कि हमास ने इजराइल के खिलाफ जंग शुरू कर दी है। हम फौरन अपने बेस की तरफ भागे। चंद मिनट बाद मैं F-16 फाइटर जेट में थी। पहले इसके व्हील चेक किए। फिर मिसाइल और तमाम टेक्निकल कनेक्शन। फिर पायलट की पिछली सीट पर बैठ गई।
1948 में इजराइल अलग देश बना। 1951 में येइल रोम एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं।
परिवार को कुछ पता ही नहीं था
- मेजर A कहती हैं- यूनिट की तरफ से कॉल आने के पहले मैं एयरबेस पर थी। फैमिली को कुछ पता ही नहीं था। अब लगता है कि जंग में हमने कुछ हफ्ते नहीं, बल्कि कई साल गुजार दिए। पूरी जिंदगी ही बदल गई है। जरा सोचिए, मैं शादी की तैयारियों में जुटी थी, अब गाजा के ऊपर उड़ान भर रही हूं। हमास के टारगेट्स तबाह कर रही हूं। 7 अक्टूबर के बाद कितनी बार फाइटर जेट में उड़ान भरी, याद ही नहीं है। ज्यादातर हमले रात में किए।
- अगर कुछ याद है तो हमास के आतंकी ठिकाने और उसके आतंकी सरगना। 7 अक्टूबर को हमास ने जो वहशियाना जुर्म किया, उसका दर्द महसूस कर सकती हूं। अब न शादी याद है और न स्टडी। ये दर्द मुझे ताकत दे रहा है।
1995 में महिलाओं को IDF और एयरफोर्स में एंट्री मिली। इसके बाद से अब तक सिर्फ 73 महिलाएं फाइटर पायलट या नेविगेटर का कोर्स कम्पलीट कर सकी हैं। (फाइल)
IDF और महिलाएं
- 1948 में इजराइल अलग देश बना। 1951 में येइल रोम एयरफोर्स की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं। येइल के साथ रिना लेविनसन एदलर भी थीं। येइल ने इजराइल जबकि रिना ने अमेरिका में ट्रेनिंग ली। रिना के पास सिविल लाइसेंस था। हालांकि, बाद में एयरफोर्स में उन्हें भी एंट्री मिल गई। रोम के नाम पर इजराइल में एक सड़क भी है। इस पर एयरफोर्स का साइन बोर्ड है।
- कुछ ही साल बाद बाद IDF में महिलाओं को कॉम्बैट पोजिशन देने पर रोक लगा दी गई। इनमें महिला पायलट भी शामिल थीं। 1993 में साउथ अफ्रीकी मूल की यहूदी महिला एलिस मिलर ने IDF पर केस कर दिया। वो मेडिकली अनफिट भी थीं। बहरहाल, इससे फायदा ये हुआ कि IDF और खासतौर पर एयरफोर्स विंग में महिलाओं की एंट्री पर लगी रोक हटा ली गई।
- 1998 में शेरी राहेत ने पायलट कोर्स किया और वो एयरफोर्स की पहली वेपन सिस्टम ऑपरेटर बनीं। इसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा।
IDF में 90% पोजिशन्स पर महिलाएं भर्ती हो सकती हैं। नेवी, होम फ्रंट कमांड, आर्टिलरी कोर्प्स और मिलिट्री पुलिस (वेस्ट बैंक में) में उन्हें कॉम्बैट पोजिशन्स भी मिलती हैं। (फाइल)
इजराइली फोर्स में 1995 से शामिल हैं महिलाएं
- 1994 में इजराइल पहला देश था, जिसने महिलाओं और पुरुषों के लिए मिलिट्री ट्रेनिंग अनिवार्य यानी मेंडेटरी की थी। हालांकि, कुछ वक्त बाद यह तय किया गया कि महिलाओं को कॉम्बैट पोजिशन्स यानी सीधे जंग के मोर्चे पर तैनात नहीं किया जाएगा। IDF में 90% पोजिशन्स पर महिलाएं भर्ती हो सकती हैं। नेवी, होम फ्रंट कमांड, आर्टिलरी कोर्प्स और मिलिट्री पुलिस (वेस्ट बैंक में) में उन्हें कॉम्बैट पोजिशन्स भी मिलती हैं।
- 1995 में महिलाओं को IDF और एयरफोर्स में एंट्री मिली। इसके बाद से अब तक सिर्फ 73 महिलाएं फाइटर पायलट या नेविगेटर का कोर्स कम्पलीट कर सकी हैं।
- ‘यरूशलम पोस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक- 600 महिलाओं ने पायलट टेस्ट दिया और एंट्री भी मिली। करीब 400 तीन साल का कोर्स पहले ही साल में छोड़कर चली गईं। आखिर में सिर्फ 30 ही कोर्स और ट्रेनिंग में कामयाब रहीं।
- यरूशलम पोस्ट के मुताबिक- यहूदी धर्मगुरू (रब्बी) फौज में महिलाओं की भर्ती के खिलाफ हैं। वो इसे नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा बताते हुए कहते हैं कि महिलाओं को परिवार और बच्चों पर ही फोकस करना चाहिए।