सांकेतिक फोटो
– फोटो : Social Media
विस्तार
नशे के खिलाफ शिकंजा कसते हुए हरियाणा सरकार ने राज्य के 35 बड़े ड्रग तस्करों को प्रिवेंटिव हिरासत में लेने के आदेश जारी किए हैं। इसके तहत दर्ज मामलों में अब तस्करों को कम से कम एक साल तक जमानत नहीं मिल सकेगी और उनको इस अवधि के दौरान हिरासत में रखा जाएगा। इन नशा तस्करों में 29 को प्रदेश पुलिस द्वारा पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है और शेष आरोपियों पर भी जल्द ही पीआईटी एनडीपीएस के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इसके तहत फतेहाबाद से 8, कैथल और फरीदाबाद से 6, कुरुक्षेत्र से 3, हांसी, रेवाड़ी, करनाल और यमुनानगर से 2, और पलवल, अंबाला, डबवाली और रोहतक के एक-एक नशा तस्कर के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
यह भी पढ़ें: Punjab Cabinet: मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना लांच, ओटीएस योजना और जंगी विधवाओं की पेंशन बढ़ाने पर मुहर
अनुभवी और आदतन अपराधी हैं तस्कर
32 वर्षीय रमेश (काल्पनिक नाम), रतिया (फतेहाबाद) में चाय की दुकान चलाता है। आरोपी के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें से एक चूरा पोस्त की व्यावसायिक मात्रा से संबंधित है व उसे दोषी भी ठहराया गया था और सजा भी सुनाई गई थी। उसकी अवैध गतिविधियां लगातार 2013 से चली आ रही हैं।
हांसी की सीमा (काल्पनिक नाम) और प्रीति (काल्पनिक नाम), दोनों ही महिलाओं पर हेरोइन की छोटी और मध्यवर्ती मात्रा से संबंधित पांच-पांच मामले दर्ज हैं। नशे के व्यापार में बाला की संलिप्तता सात वर्षों से अधिक समय से है, जिससे वह इस अवैध नेटवर्क में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गई है।
कैथल के सीवन का रहने वाला भोला राम (काल्पनिक नाम), 2008 से चूरा पोस्त, भुक्की, चरस और गांजापत्ती के अवैध व्यापार में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। इसी प्रकार, राजेश कुमार (काल्पनिक नाम) – यह करनाल जिला के तरावड़ी का रहने वाला हैं। इसके खिलाफ सात साल की अवधि में छोटी और मध्यम मात्रा में गांजा पत्ती की तस्करी के लिए छह एफआईआर दर्ज हैं।
क्या है पिट एनडीपीएस अधिनियम
अवैध तस्करी की रोकथाम अधिनियम, (पीआईटीएनडीपीएस) 1988 के प्रावधानों के तहत मादक पदार्थों की तस्करी और उनके मुख्य सरगनाओं व फाइनेंसरों पर नकेल कसने के लिए एक्ट में प्रावधान दिए गए हैं। इस एक्ट के तहत प्रिवेंटिव हिरासत आदेश जारी किए जाते हैं, जिसके बाद हिरासत में लिए गए व्यक्ति को कम से कम एक वर्ष के लिए हिरासत में रखा जा सकता है। इसके अलावा, आरोपी और उसके रिश्तेदारों,सहयोगियों की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति भी एनडीपीएस अधिनियम, 1985 के तहत जब्त करने के प्रावधान दिए गए है।
नशे के बढ़ते व्यापार की इस समस्या को खत्म करने के प्रयास में प्रदेश पुलिस किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ रही है। जल्द ही संयुक्त प्रयास से प्रदेश को नशा मुक्त बनाया जाएगा, जिससे नागरिकों की भलाई और भविष्य की रक्षा की जा सके। प्रदेश सरकार के ठोस उपायों और सामुदायिक जुड़ाव के माध्यम से, प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने का हमारा प्रयास है। – शत्रुजीत कपूर, डीजीपी, हरियाणा