पुणे4 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) में महिला कैडेटों का पहला बैच पासआउट होने वाला है। 30 मई को 148वें कोर्स की पासिंग आउट परेड (POP) होगी। इतिहास में यह पहली बार होगा जब 17 महिला कैडेट्स 300 से ज्यादा पुरुषों के साथ NDA से ग्रेजुएट होंगी। फिर भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना जॉइन करेंगी।
2021 में सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं को NDA परीक्षा देने की अनुमति देने का आदेश दिया था। इसके बाद यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने महिलाओं को आवेदन करने की अनुमति दी। 2022 में पहली बार 17 महिला कैडेटों का बैच NDA में शामिल हुआ था।
इनमें से कुछ महिला कैडेटों ने शुक्रवार को NDA में अपने तीन साल के सफर के बारे में अनुभव साझा किए। हरसिमरन कौर ने बताया कि वह अब भारतीय नौसेना एकेडमी में शामिल होंगी। उन्होंने कहा- महिला कैडेटों के पहला बैच से होने के नाते हमें जूनियर कैडेटों के लिए हाई-स्टैंडर्ड्स बनाने होंगे। मैं एक ऐसा बेंचमार्क सेट करना चाहती हूं, जिसे वे फोलो कर सकें।
महिला कैडेट बोलीं- एकेडमी पहले तोड़ती है, फिर जोड़ती है हरसिमरन कौर ने कहा, ‘मैं सशस्त्र बलों की पृष्ठभूमि से आती हूं। मेरे पिता भारतीय सेना में हवलदार के पद से रिटायर हुए थे। मेरे दादाजी भी सेना में थे, इसलिए मेरा डिफेंस से गहरा जुड़ाव रहा है। मैं डिफेंस में अपना करियर जल्दी शुरू करना चाहती थी, इसलिए NDA को चुना।’
‘एकेडमी में पहले दिन मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे, क्योंकि मैंने NDA और इसके प्रतिष्ठित सूडान ब्लॉक को केवल तस्वीरों में ही देखा था। मैं सूडान ब्लॉक, अन्य इमारतों, स्क्वाड्रन और पुराने कैडेटों को मार्च करते हुए देखकर दंग रह गई। तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कई चुनौतियों आईं।
कौर आगे कहती हैं, ‘इंग्लिश में एक कहावत है कि एकेडमी फर्स्ट ब्रेक्स यू, देन मेक्स यू, यानी एकेडमी पहले आपको तोड़ती है और फिर जोड़ती है। यह मेरे साथ और हर कैडेट के साथ हुआ, चाहे वह पुरुष हो या महिला। कड़ी फिजिकल ट्रेनिंग सेशन्स, ड्रिल्स और पढ़ाई, ये सब आपके भीतर अधिकारी-जैसी योग्यता (ऑफिसर लाइक क्वालिटीज) डेवलप करने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
हमारा शेड्यूल इतना बिजी होता था कि हमें अपने टाइम को बहुत सही तरीके से मैनेज करना पड़ता था। कई बार, यह बहुत मुश्किल हो जाता था, लेकिन एकेडमी आपको शारीरिक और शैक्षणिक मांगों के बीच बैलेंस बनाना सिखाती है।’
इंडियन आर्मी में 12 लाख पुरुषों के मुकाबले 7 हजार महिलाएं संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, इंडियन आर्मी में करीब 12 लाख पुरुष हैं, जबकि महिलाओं की संख्या तकरीबन 7 हजार ही है। पुरुषों के लिहाज से महिलाओं का अनुपात 0.56 फीसदी ही है।वहीं, अगर इंडियन एयर फोर्स की बात करें तो इसमें करीब 1.5 लाख पुरुष हैं। वहीं, महिलाओं की संख्या 1600 ही है। यहां अनुपात 1 फीसदी से थोड़ा ज्यादा बैठता है।इसके अलावा इंडियन नेवी में पुरुषों की संख्या दस हजार है, जबकि महिलाएं 700 ही हैं। इस फोर्स में महिलाओं का प्रतिशत 6.5 है।
तीनों सेनाओं में कुल 9118 महिला अधिकारी भारत की तीनों सेनाओं में कुल मिलाकर करीब 9,118 महिलाएं हैं। भारत की तीनों सेनाओं में साल 2019 की तुलना में 2020 में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। भारत में महिलाएं फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाने और समुद्र में सैनिक जहाजों पर अहम जिम्मेदारियां संभालने के साथ ही स्पेशल ऑपरेशन के जरिए दुश्मन को सबक सिखाने में अहम भूमिकाएं निभा रही हैं। अगर पुरुषों और महिला अधिकारियों के रेशियो की बात करें तो सबसे अधिक महिलाएं नेवी में काम कर रही हैं। नेवी की कुल क्षमता का लगभग 6.5 फीसदी महिलाएं हैं।