YouTuber Jyoti Malhotra Spying Case: राज्य पुलिस और केंद्रीय एजेंसियां उन तमाम लोगों से पूछताछ में जुटी हैं, जो ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के इल्जाम में गिरफ्तार किए गए हैं. इनमें चर्चित यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा भी शामिल है. ज्योंति के तमाम गैजेट्स और चैट्स के ज़रिए ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात दानिश के साथ उसका क्या रिश्ता था? चलिए जान लेते हैं पूरी कहानी.
हरियाणा के हिसार की रहने वाली 33 साल की ज्योति मल्होत्रा को मूल रूप से एक यूट्यूबर के तौर पर जाना जाता है. लेकिन बीते कुछ दिनों में ज्योति के नाम पर जासूसी का ठप्पा लगा है. ज्योति मल्होत्रा ISI के लिए जासूसी करने वाली. पाकिस्तान को भारत की खुफिया जानकारी भेजने वाली. भारत के खिलाफ डिजिटल वॉर में शामिल होने वाली बन गई है.
कोरोना के वक्त जब नौकरी गई थी तो ज्योति ट्रेवल ब्लॉग बनाने लगी. करियर बनाने वाली ज्योति व्यूज, लाइक्स और शेयर के चक्कर में साजिश का हिस्सा बन गई है. वो भारत के खिलाफ ISI की गहरी साजिश का हिस्सा हो गई. ज्योति की गिरफ्तारी के बाद जांच जारी है. जिसमें जो तथ्य और सुराग सामने आए हैं, उससे ज्योति की असलियत सामने आती जा रही है.
पाकिस्तान के लिए ज्योति के क्या जज्बात थे, ये उसकी डायरी के पन्नों में दर्ज है. डायरी के पन्नों में ज्योति के दिल की बात है. वो राज हैं जो पाकिस्तान से जुड़े हैं. ज्योति अपने दिनचर्या की तमाम बड़ी बातें अपनी डायरी में नोट करती थी. ज्योति ने अपनी डायरी में लिखा है,
‘पाकिस्तान से 10 दिन का सफर तय करके आ गई हूं वापस अपने घर, अपने वतन भारत. इस दौरान पाकिस्तान की आवाम से काफी मोहब्बत मिली. हमारे सब्सक्राइबर्स, फ्रेंड्स भी हमसे मिलने आए. लाहौर घूमने के लिए मिला दो दिन का वक्त काफी कम था. सरहद की दूरियां पता नहीं कब तक बरकरार रहेंगी पर दिलों में जो गिले शिकवे हैं वो मिट जाएं. हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं. पाकिस्तान सरकार से गुहार है कि भारतीयों के लिए और भी गुरूद्वारा और मंदिरों के लिए रास्ते खोलें.’
ज्योति 2023, 2024 और इस साल भी पाकिस्तान के दौरे कर चुकी है. उन्हीं में से किसी एक दौरे का जिक्र ज्योति ने अपनी डायरी में किया है. लेकिन वो राज जो जांच एजेंसियां जानना चाहती हैं, ज्योति ने डायरी के पन्नों में नहीं लिखे. जांच एजेंसियां जानना चाहती हैं कि पाकिस्तान दौरे पर जो खर्च हुए उसमें किसने मदद की? सवाल उठना लाजिमी है. क्योंकि उसके पाकिस्तान पाकिस्तान दौरे पर बेहिसाब पैसे खर्च हुए दो आमदनी से ज्यादा थे. यानि आमदनी अठन्नी, खर्चा रूपैया.
ज्योति के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं. सबसे पहला है उसका पाकिस्तान एंबेसी के कर्मचारी दानिश से कनेक्शन. दूसरा- पाकिस्तान में बैठे ISI अधिकारी अली हसन से व्हाट्सएप चैट के डिटेल्स. तीसरा- ज्योति का कबूलनामा, जिसमें उसने माना है कि कुछ पाकिस्तानी एजेंट्स के मोबाइल नंबर फर्जी नाम से सेव किए थे ताकि शक ना हो.
पाकिस्तानी उच्चायोग के कर्मचारी दानिश ने ज्योति को जाल में फंसाया, उसे मोहरा बनाया. सवाल है कि क्या ज्योति का इस्तेमाल कर अन्य जासूस रिक्रूट किए जा रहे थे. हालांकि अब इस मामले में हिसार पुलिस ने भी एक बयान जारी कर अपना पक्ष रखा है. पुलिस का कहना है कि ज्योति उनकी हिरासत में है. किसी केंद्रीय एजेंसी ने अब तक उससे पूछताछ नहीं की है. पुलिस का कहना है कि उसके पास कोई भी सैन्य और रणनीतिक जानकारी होने का कोई तथ्य अब तक सामने नहीं आया है.
पुलिस ने कहा है कि उसके पास मौजूद डिवाइसेज जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनकी रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है. यहां तक कि उसकी डायरी भी पुलिस को नहीं मिली है. 4 बैंक एकाउंट्स की जांच चल रही है. पुलिस का कहना है कि ज्योति पाकिस्तान के खुफिया अफसरों के साथ सबकुछ जानते हुए भी संपर्क में थी, लेकिन उसका किसी आतंकवादी संगठन या घटना से कोई कनेक्शन अभी सामने नहीं आया है. पुलिस ने पीआईओ से ज्योति की शादी, धर्म परिवर्तन के तथ्यों से भी इनकार किया है.
ज्योति का दोस्त दानिश. इस दोस्ती की खातिर ज्योति ने वो कर दिया, जिसकी वजह से वो गिरफ्तार हो चुकी है. NIA, IB, मिलिट्री इंटेलिजेंस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां सवालों की लंबी लिस्ट के साथ उसके पाकिस्तान कनेक्शन और जासूसी के जाल को खंगाल रही हैं. उससे पहले पाकिस्तान एबेंसी के कर्मचारी दानिश के साथ उसके रिश्तों की पहली सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. क्योंकि वो दानिश ही है जिसकी जासूसी ब्रिगेड का सबसे मजबूत कनेक्शन दिख रहा है. ज्यादातर आरोपियों की दानिश से मिली मदद का खुलासा हो रहा है.
2023 में पाकिस्तान एंबेसी पहुंचने वाली ज्योति को दानिश की बदौलत ही वीजा मिल पाया था. तब से दोनों बेहद करीब आ गए. दानिश और ज्योति करीब 1 साल 5 महीने तक मिलते रहे. इस साल मार्च तक ज्योति दानिश के संपर्क में थी. क्या ज्योति और दानिश मैसेज के जरिए संपर्क में रहे? यही जानने के लिए जांच एजेंसियां ज्योति के तमाम मैसेज की जांच में जुटी हैं, जो इनक्रिप्टेड हैं.
ज्योति सिग्नल, टेलीग्राम, TOR और VPN का इस्तेमाल करती रही. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि उसके वीडियो स्क्रिप्ट पहले से तय कर उसे दिए जाते थे. वो क्लाउड शेयरिंग के जरिए डिप्लोमेटिक संपर्क में भी थी. भारत से बाहर के दौरे पर विदेशी सिम के इस्तेमाल का शक है.
तो क्या दानिश के कहने पर ही ज्योति ने एक-एक कदम उठाए. दरअसल, दानिश पर शक है कि वो एंबेसी का कर्मचारी सिर्फ कहने भर के लिए था, वो असल में ISI का चेहरा था. वो लगातार ISI की साजिशों को आगे बढ़ा रहा था. दानिश पहले मदद के नाम पर दोस्ती करता. फिर जाल में फंसने वालों को पाकिस्तान में बैठे ISI अधिकारियों से पहचान करवाता और उन्हें भारत विरोधी साजिशों का हिस्सा बना लेता.
गिरफ्तार ज्योति ने कबूला है कि दानिश के कहने पर ही पाकिस्तान में उसके जानकार अली हसन से मिली थी, जहां अली हसन ने मेरे रुकने और घूमने-फिरने का इंतज़ाम किया था. पाकिस्तान में अली हसन ने मेरी पाकिस्तानी इंटेलिजेंस के अधिकारियों से मुलाकात करवाई थी. जांच एजेंसियां ज्योति के तमाम कबूलनामे को तकीनीकी जांच के जरिए वेरिफाई करने में जुटी हैं.