नई दिल्ली1 घंटे पहले
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पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के विज्ञान भवन में संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता अभियान के 10 साल पूरे होने पर देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छता मिशन के तहत जो आज हो रहा है, वो पहले क्यों नहीं हुआ?
मोदी ने पहले की सरकारों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने रास्ता दिखाया था, सुझाया भी था। लोगों ने गांधी के नाम पर वोट बटोरे, लेकिन उनके संदेश को भुला दिया।
पीएम ने बच्चों के साथ सफाई की, 3 फोटोज…
स्वच्छता मिशन के 10 साल पूरे होने पर पीएम मोदी ने एक स्कूल में सफाई अभियान में हिस्सा लिया।
मोदी ने बच्चों से स्वच्छता से जुड़ी बातें भी कीं।
पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता अभियान की शुरुआत की थी।
मोदी के भाषण की 4 खास बातें
1. स्वच्छता अभियान से मनोवैज्ञानिक बदलाव आया
एक बहुत बड़ा वर्ग था, जो गंदगी करना अपना अधिकार मानता था। कोई स्वच्छता करे तो उनके सम्मान को चोट पहुंचाता था और अपने अहंकार में जीते थे। जब हम सब स्वच्छता करने लग गए तो उन्हें लगा कि मैं जो करता हूं, वह भी बड़ा काम है। अब कई लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं। स्वच्छ भारत अभियान से बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आया और सफाई करने वालों को सम्मान मिला।
2. स्वच्छता पखवाड़े में 28 करोड़ की भागीदारी
पिछले 10 साल में करोड़ों भारतीयों ने स्वच्छ भारत मिशन को अपनाया है। भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व उपराष्ट्रपति भी स्वच्छता सेवा कर चुके हैं। 15 दिन के सेवा पखवाड़े में 28 करोड़ लोगों ने हिस्सा लिया। आज से 1 हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा।
3. स्वच्छता मिशन जितना सफल, देश उतना चमकेगा
आज स्वच्छता मिशन से जुड़े 10 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है। अमृत मिशन के तहत देश के अनेक शहरों में वाटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। नमामि गंगे से जुड़ा काम हो या कचरे से बायोगैस पैदा करने वाले प्लांट, ये स्वच्छ भारत मिशन को नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। स्वच्छ भारत मिशन जितना सफल होगा, उतना ही हमारा देश चमकेगा।
4. कई लोगों ने गंदगी को ही जिंदगी मान लिया था
मन की बात में मैंने करीब-करीब 800 बार स्वच्छता का जिक्र किया है। लोग स्वच्छता के प्रयासों को सामने ला रहे हैं। मैं देख रहा हूं कि जो आज हो रहा है, वो पहले क्यों नहीं हुआ? महात्मा गांधी ने तो ये रास्ता दिखाया भी था, सुझाया भी था। लोगों ने गांधी जी के नाम पर वोट तो बटोरे, लेकिन उनके संदेश को भुला दिया। उन लोगों ने गंदगी को ही जिंदगी मान लिया।