इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) ने रविवार, 4 अगस्त को गाजा में युद्ध खत्म करने और इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए लंबे वक्त से रुके हुए समझौते के लिए हमास को दोषी ठहराया. यह समझौता 7 अक्टूबर को इजरायली सीमा पर हमले के साथ शुरू होने के 300 से ज्यादा दिनों बाद हुआ है.
जेरूसलम में वीकली कैबिनेट मीटिंग के दौरान बोलते हुए नेतन्याहू ने कहा कि हालांकि इजरायल ने समझौते की प्रारंभिक रूपरेखा पर सहमति व्यक्त कर दी है, लेकिन हमास अभी भी और ज्यादा बदलावों की मांग कर रहा है. इजराइल और गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले इस्लामी समूह हमास के बीच सीमा पार से गोलीबारी रविवार को भी जारी रही.
हानिया की हत्या के बाद क्षेत्रीय तनाव
बुधवार को तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया की हत्या के बाद क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की वजह से समझौता होने की संभावना कम ही नजर आ रही है. एक दिन पहले ही बेरूत में इजरायली हमले में लेबनान के सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के टॉप मिलिट्री कमांडर फुआद शुक्र की मौत हो गई थी.
हमास और ईरान दोनों ने इजराइल पर हानिया की हत्या का आरोप लगाया है और जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया है. इजराइल ने न तो इस हत्या की जिम्मेदारी ली है और न ही इससे इनकार किया है.
हमास की तरह हिजबुल्लाह को भी ईरान का समर्थन प्राप्त है और उसने भी हमास के नेता की हत्या के बाद बदला लेने की कसम खाई है. नेतन्याहू ने कैबिनेट बैठक में अपने मंत्रियों से कहा, “इजरायल राज्य ईरान के खिलाफ बहु-क्षेत्रीय युद्ध में है. हम उसके किसी भी हथियार पर जोरदार हमला कर रहे हैं.”
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ईरान की राजधानी तेहरान में हमास लीडर इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है. रविवार को तड़के लेबनान की तरफ से इजरायल में दर्जनों मिसाइलें दागी गईं. इस दौरान लगातार सायरन की आवाजें भी सुनाई देती रहीं. इसके बाद इजरायल ने पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया है. हालांकि, उसका दावा है कि सभी मिसाइलों को आयरन डोन ने आसमान में ही नष्ट कर दिया है.
लेबनानी नागरिक हमादा अल हरज ने कहा, “मुझे इस्माइल हानिया की मौत के बारे में पता चला तो दुख हुआ. उनकी मृत्यु दिल दहला देने वाली थी. वो एक सम्मानित व्यक्ति थे. उनकी हत्या सबसे बड़ी गलती थी. उनकी उपस्थिति गाजा के लिए बहुत जरूरी थी. उन्होंने युद्ध का विरोध किया और गाजा में युद्ध विराम के लिए काम किया. यह मध्यस्थों के इरादों पर निर्भर करता है कि युद्ध विराम होगा कि नहीं.”