बिक्रमजीत चौधरी और चरणजीत चन्नी।
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पंजाब के फिल्लौर विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी ने सोमवार को पंजाब विधानसभा में कांग्रेस पार्टी के मुख्य सचेतक पद से इस्तीफा दे दिया है। उनकी मां कर्मजीत कौर चौधरी की जालंधर से टिकट कटकर चरणजीत सिंह चन्नी को दी जा रही है, जिसको लेकर बिक्रम ने बगावती रूख अख्तियार कर लिया है।
बिक्रम चौधरी मौजूदा समय में फिल्लौर से विधायक हैं और उनके पिता संतोख चौधरी दो बार जालंधर से सांसद जीत चुके हैं। पिछले साल भारत जोडो यात्रा के दौरान उनकाा दिल का दौरा पडने से निधन हो गया था। जिसके बाद दिवंगत चौधरी संतोख की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी को टिकट दिया गया था लेकिन आप के सुशील रिंकू ने 58 हजार मतों से जालंधर संसदीय उपचुनाव जीत लिया था और यहां से कर्मजीत कौर चौधरी हार गयी थी।
इस बार फिर से जालंधर से चौधरी परिवार टिकट की मांग कर रहा था लेकिन कांग्रेस की तरफ से पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी को उतारा जा रहा है। लिहाजा बिक्रम चौधरी ने बगावती सुर अपना लिये हैं। दो दिन पहले ही उनहोंने चन्नी के खिलाफ बयानबाजी की थी कि सीएम होते हुए वह दोनों सीटों से हार गए थे, उनको अपना घर मजबूत करना चाहिए। रविवार को जालंधर में चरणजीत सिंह चन्नी कई मीटिंग कर गए हैं, जिससे साफ हो गया था कि अब चन्नी जालंधर के लिए फाइनल हो चुके हैं। जिसको लेकर चौधरी परिवार ने बगावत का रूख अपना लिया है।
बिक्रम ने मुख्य सचेतक के पद से अपना इस्तीफा सीएलपी नेता प्रताप सिंह बाजवा को भेज दिया है। चौधरी बाजवा के करीबी माने जाते हैं।