गाजा32 मिनट पहले
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में इजराइली फायरिंग में मारे गए फिलिस्तीनियों के शव दिख रहे हैं।
इजराइली सेना ने एक बार फिर खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर फायरिंग की है। ताजा हमले में 19 लोगों की मौत हो गई। अमेरिकी मीडिया CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा सिटी के अल-कुवैत एड पॉइन्ट पर भूख से तड़प रहे सैकड़ों फिलिस्तीनी आटा लेने के लिए लाइन में खड़े थे। तभी इजराइली सैनिकों ने मशीन गन से फायरिंग शुरू कर दी।
इजराइल ने इस खबर को खारिज किया है। इजराइली सेना का कहना है कि सैनिकों ने खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर हमला नहीं किया। हालांकि इजराइल पहले भी कई बार राहत सामग्री लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर हमला कर चुका है। इन हमलों में अब तक 400 लोगों की मौत हुई है।
एंबुलेंस नहीं मिलने की वजह से शवों और घायलों को गधा गाड़ी और घोड़ा गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया।
24 मार्च को हुई इजराइली फायरिंग में 20 से ज्यादा लोगो घायल हुए।
10 दिन पहले इजराइल ने लोगों पर एयरस्ट्राइक की थी
13 मार्च को गाजा के अल-नुसीरत कैंप के पास बने एड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (सहायता वितरण केंद्र) पर इजराइल ने एयरस्ट्राइक कर दी। इस दौरान 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं, नॉर्थ गाजा के एक एड पॉइंट पर खाना लेने पहुंचे फिलिस्तीनियों पर इजराइली सैनिकों ने गोली चला दी। इस दौरान 21 लोग मारे गए। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दोनों हमलों में कुल 29 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई।
नॉर्थ गाजा के एक एड पॉइंट पर खून दिख रहा है। 150 से ज्यादा लोग घायल हुए। सभी को अस्पताल ले जाया गया।
इजराइली सैनिकों ने कहा था- इनसे खतरा महसूस हुआ था
इजराइली सैनिकों ने 29 फरवरी को खाना लेने पहुंचे गाजा के लोगों पर फायरिंग कर दी थी। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस दौरान 112 फिलिस्तीनी मारे गए थे। 760 लोग घायल हुए थे।
इजराइली सेना ने कहा था- सैनिकों ने भीड़ पर इसलिए फायरिंग की क्योंकि उन्हें लोगों से खतरा महसूस हुआ। एक चश्मदीद ने न्यूज एजेंसी AFP को बताया था- अल नाबुल्सी शहर में राहत सामग्री से भरा एक ट्रक पहुंचा था। लोगों ने इसे घेरना शुरू कर दिया। ट्रक के पास ही इजराइली सेना के टैंक और सैनिक खड़े थे। लोग उनकी तरफ भी बढ़ने लगे। इतने में सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी। भगदड़ मच गई।
वहीं, सेना ने कहा- सभी लोगों ने जरूरत का सामान लूटना शुरू कर दिया। वो हमारी तरफ बढ़ रहे थे, हमें लगा वो लोग खतरनाक हो सकते हैं इसलिए फायरिंग की।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल हुई थी। कहा गया कि यह उस जगह की एरियल फोटो है जहां राहत सामग्री पहुंची। इसमें सैकड़ों फिलिस्तीनी दिख रहे हैं।
खाना चुरा रहे हमास आतंकी
इजराइल का कहना है कि हमास आतंकी जरूरत का सामान गाजा के लोगों तक पहुंचने नहीं दे रहे हैं। वो खाना चुरा रहे हैं। जरूरत का सामान लेने पहुंचे लोगों से मारपीट करने के बाद आतंकी ये सामान लेकर भाग रहे हैं।
इजराइली सेना ने इसका एक वीडियो जारी किया। इसमें हमास आतंकी राहत सामग्री चोरी करते दिखे। सेना ने वीडियो के साथ लिखा- गाजा के लोगों की जरूरतों से ज्यादा जरूरी आतंकवादियों की जरूरतें हैं।
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने यह वीडियो जारी किया। इसमें हमास के आतंकी लोगों के साथ मारपीट करके जरूरत का सामान लेकर पहुंची गाड़ियों को ले जाते दिख रहे हैं।
22 लाख फिलिस्तीनी भुखमरी की कगार पर
UN का कहना है कि गाजा के 22 लाख लोग भुखमरी की कगार पर हैं। इधर, UN के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम के डिप्टी डायरेक्टर कार्ल स्काउ ने कहा है कि वो इतने सामान का प्रबंध कर रहे हैं, जिससे एक महीने के लिए गाजा के लोगों की भूख मिटाई जा सके।
‘अल-अक्सा फ्लड’ के खिलाफ इजराइल का ऑपरेशन ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’
हमास ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हमला किया था। उसने इजराइल के खिलाफ अपने ऑपरेशन को ‘अल-अक्सा फ्लड’ नाम दिया। इसके जवाब में इजराइल की सेना ने हमास के खिलाफ ‘सोर्ड्स ऑफ आयरन’ ऑपरेशन शुरू किया। हमास के सैन्य कमांडर मोहम्मद दीफ ने कहा था- ये हमला यरुशलम में अल-अक्सा मस्जिद को इजराइल की तरफ से अपवित्र करने का बदला है। दरअसल, इजराइली पुलिस ने अप्रैल 2023 में अल-अक्सा मस्जिद में ग्रेनेड फेंके थे।
वहीं, हमास के प्रवक्ता गाजी हामद ने अल जजीरा से कहा था- ये कार्रवाई उन अरब देशों को हमारा जवाब है, जो इजराइल के साथ करीबी बढ़ा रहे हैं। हाल ही के दिनों में मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि अमेरिका की पहल पर सऊदी अरब इजराइल को देश के तौर पर मान्यता दे सकता है।