5 घंटे पहले
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एस जयशंकर ने कहा कि भारत अब पाकिस्तान की करतूतों को इग्नोर नहीं कर सकता। (फाइल फोटो)
विदेश मंत्री एस जयशंकर आज यानी शनिवार से 3 आसियान देशों सिंगापुर, फिलिपींस और मलेशिया के दौरे पर हैं। इस दौरान आज उन्होंने सिंगापुर में एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उद्योग की तरह आतंक का उत्पादन करता है।
उन्होंने कहा कि भारत का मूड अब आतंकियों को दरकिनार करने का नहीं है। भारत अब आतंक की समस्या को नजर अंदाज नहीं करेगा। जयशंकर ने सिंगापुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि दी भी।
तस्वीर पिछले साल गोवा में हुए SCO समिट की है। बैठक के दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की आखिरी बार मुलाकात हुई थी।
‘पड़ोसी स्थिर नहीं तो कम से कम शांत हो’
जयशंकर नेशनल युनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में अपनी किताब ‘व्हाई भारत मैटर्स’ पर चर्चा कर रहे थे। तभी किसी ने उनसे पाकिस्तान पर सवाल किया। इस पर जयशंकर ने यह भी कहा कि हर देश एक स्थिर पड़ोस चाहता है। अगर स्थिर नहीं तो कम से कम पड़ोसी शांत हो। पाकिस्तान का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा हम अच्छा पड़ोसी मिलने के मामले में थोडे दुर्भाग्यशाली रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा- आप एक पड़ोसी से कैसे डील करेंगे जो इस बात को छुपाता तक नहीं कि वो आतंक का इस्तेमाल देश को चलाने में करता है। इस बात को इग्नोर कर हम कोई रास्ता नहीं निकाल सकते।
‘चीन से संतुलन बनाने की कोशिश’
चीन से भारत के रिश्तों पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौति ये है कि भारत-चीन के बीच संतुलन कैसे बनाएं, दोनों देश 2 बड़ी ताकतें हैं जो आपस में पड़ोसी भी हैं। दोनों देशों का इतिहास और उनकी क्षमताएं उन्हें दुनिया से अलग करती हैं।
ऐसे में दोनों देशों के बीच बातचीत जारी रखना अहम है। हालांकि, 2020 में हमें हैरानी हुई जब चीन ने बॉर्डर पर कुछ ऐसा किया जो दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन था। चीन ने दोनों देशों के बीच संतुलन बनाने की बजाए उसे बिगाड़ दिया।
चीन में 17 अक्टूबर 2022 को CCP की 20वीं मीटिंग से पहले गलवान झड़प के इस वीडियो को जिनपिंग सरकार की उपलब्धि के तौर पर दिखाया गया।
जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए बड़ा मुद्दा ये है कि समय-समय पर हम ये सुनते हैं कि सीमा विवाद को सुलझाने में समय लगेगा। हम इस बात से सहमत हैं। लेकिन कम से कम तब तक बॉर्डर पर शांति तो ला सकते हैं। हम इसमें कामयाब भी हुए थे। 1975 से 2020 तक भारत-चीन सीमा पर कोई मौत नहीं हुई।
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जापान में जयशंकर बोले- चीन लिखित समझौतों को नहीं मानता:कहा- भारत-चीन बॉर्डर पर 45 साल खूनखराबा नहीं हुआ, गलवान झड़प ने सब बदल दिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर बॉर्डर पर खूनखराबा और लिखित समझौतों का उल्लंघन करने के आरोप लगाए हैं। जापान की राजधानी टोक्यो में गुरुवार को रायसीना राउंडटेबल में बोलते हुए जयशंकर ने कहा- 1975 से 2020 तक बॉर्डर पर शांति थी। 2020 (गलवान झड़प) में सब बदल गया।
उन्होंने कहा- हम (भारत-चीन) कई मुद्दों पर सहमत नहीं हैं। जब पड़ोसी लिखित समझौतों का उल्लंघन करे तो ये चिंता की बात है। इससे दोनों के रिश्तों की स्थिरता पर सवाल खड़े होते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…