सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता के घर रविवार को एक नन्हे मेहमान ने दस्तक दी। सिद्धू मूसेवाला के नाम से मशहूर शुभदीप सिंह सिद्धू की मां चरण कौर ने 58 साल की उम्र में रविवार सुबह बठिंडा के निजी अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया। मां बनने के लिए चरण कौर ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) तकनीक का सहारा लिया। यह खुशखबरी पिता बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए प्रशंसकों को दी।
शेयर की गई पोस्ट में बेटा उनकी गोद में है और शुभदीप सिंह की फोटो उनके पास रखी है। पोस्ट शेयर करते ही सोशल मीडिया पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। करीब दो साल पहले प्रसिद्ध पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद उनके परिवार में खुशी आई है। बेटे के जन्म की खबर मिलते ही मूसेवाला गांव की महिलाओं व प्रशंसकों ने हवेली पर पहुंचकर खुशी मनाई और गिद्दा डाला। वहीं, मशहूर गायक गुरदास मान भी उन्हें बधाई देने पहुंचे।
View this post on Instagram
पिता ने की भावुक पोस्टमूसेवाला के पिता ने अपने सोशल मीडिया पेज पर नवजन्मे बेटे के साथ पोस्ट साझा करते लिखा कि शुभदीप को चाहने वाले करोड़ों लोगों के आशीष से काल पुरख ने उनकी झोली में शुभ का छोटा भाई डाला है। वाहेगुरु की बख्शीश से परिवार तंदुरुस्त है और सभी प्रशंसकों का प्यार देने के लिए वे शुक्रगुजार हैं।
मई 2022 में हुई थी हत्या
29 मई 2022 को गांव जवाहरके में गैंगस्टरों ने सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। रविवार को सिद्धू की हवेली और उसके समाधि स्थल पर देश-विदेश से पहुंचने वाले प्रशंसकों और ग्रामीणों ने परिवार में बेटे के जन्म लेने की खुशी में मिठाई बांटी।
विदेश से लिया आईवीएफ तकनीक का सहारासिद्धू मूसेवाला की माता चरण कौर ने नवीनतम तकनीक आईवीएफ के माध्यम से बेटे को जन्म दिया है। शुभदीप सिंह अपने माता-पिता का इकलौता बच्चा था और उसके कत्ल के बाद बुजुर्ग परिजनों का कोई सहारा नहीं था। सिद्धू के ताया चमकौर सिंह ने भी छोटे सिद्धू के जन्म को लेकर पोस्ट शेयर की है। परिवार के एक रिश्तेदार ने बताया कि भारत में आईवीएफ के लिए अधिकतम उम्र 50 वर्ष निर्धारित होने के कारण चरण कौर विदेश से इस तकनीक के जरिए गर्भवती हुईं और एक बेटे को जन्म दिया।
यह है आईवीएफ तकनीक
आईवीएफ को इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के नाम से भी जाना जाता है। जब महिला का शरीर एग को फर्टिलाइज करने में समक्ष नहीं होता तो उसे लैब में फर्टिलाइज कराया जाता है। आईवीएफ को हिंदी भाषा में भ्रूण प्रत्यारोपण भी कहा जाता है और इस तकनीक से जन्म लेने वाले बच्चों को टेस्ट ट्यूब बेबी कहा जाता है।
भारत में 50 साल तक ले सकते हैं आईवीएफ का सहारा
इंडियन सोसायटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन चंडीगढ़ शाखा की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जीके बेदी ने बताया कि भारतीय कानून में 50 साल से ज्यादा की उम्र में आईवीएफ तकनीक का उपयोग नहीं किया जा सकता है।