1 घंटे पहले
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रूस से तेल खरीद वाले सवाल पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दोहराया कि भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा। जर्मनी के म्यूनिख सिक्योरिटी कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा- भारत के पास तेल के कई स्रोत हैं और रूस उनमें से एक है।
जयशंकर से सवाल पूछा गया था- रूस के साथ व्यापार जारी रखते हुए भारत अमेरिका के साथ अपने बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों को कैसे संतुलित कर रहा है? इसके जवाब में उन्होंने कहा- क्या यह एक समस्या है, यह एक समस्या क्यों होनी चाहिए? हम स्मार्ट हैं, हमारे पास पास कई विकल्प हैं, आपको हमारी तारीफ करनी चाहिए।
जयशंकर ने जिस समय यह बात कही उस समय अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन उनके पास ही बैठे थे।
भारत को सबसे अच्छा विकल्प चुनने का अधिकार
दरअसल, 24 फरवरी 2022 को शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग के बाद से अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा रखे हैं। इस बीच भारत रूस से सस्ता कच्चा तेल खरीद रहा है।
यह पहली बार नहीं है जब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सस्ता रूसी तेल खरीदने के लिए भारत के रुख को जाहिर किया हो। पहले भी कई मंचों पर वे भारत का रुख साफ शब्दों में रख चुके हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस एक सोर्स है। भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनने का अधिकार है।
अमेरिका और रूस दोनों ही भारत के लिए अहम
जयशंकर ने कहा कि भारत रूस के साथ अपने संबंधों को बनाए रखना चाहता है, लेकिन यह अमेरिका के साथ अपने संबंधों को भी महत्व देता है। उन्होंने कहा कि भारत दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध रखने में सक्षम है।
इजराइल पर हुए हमले को आतंकवाद बताया
जयशंकर ने गाजा में मौजूदा स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा- हमास ने जो किया वो आतंकवादी गतिविधि है। लेकिन फिलिस्तीन का भी एक ऐसा मुद्दा है, जिसका हल निकालना बेहद जरूरी है। भारत कहता रहा है कि फिलिस्तीन मुद्दे का टू नेशन समाधान होना चाहिए। हालांकि इजराइल को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए। फिलिस्तीनी लोगों की सुरक्षा प्राथमिकता होने चाहिए।
जंग को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा- इसके 4 पहलू हैं।
- हमें स्पष्ट होना चाहिए कि 7 अक्टूबर को जो हुआ वह आतंकवाद था।
- इजराइल को फिलिस्तीनियों की सुरक्षा के प्रति बहुत सावधान रहना चाहिए था। मानवीय कानून का पालन करना उसका एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है।
- बंधकों की वापसी जरूरी है।
- राहत पहुंचाने के लिए एक मानवीय गलियारे की जरूरत है।
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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले जयशंकर ने मंगलवार को मॉस्को में भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा- दुनिया में सिर्फ भारत-रूस के रिश्ते ही स्थिर हैं। पूरी खबर पढ़ें…