राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को पोस्टग्रेजुएट स्टूडेंट्स को उनके द्वारा प्रस्तावित छात्रावासों में रहने के लिए मजबूर करने और इसके लिए मोटी रकम वसूलने के खिलाफ चेतावनी दी है. एनएमसी ने कहा कि निर्देश का पालन नहीं करने वाले मेडिकल कॉलेजों को जुर्माना, सीटों में कटौती और एडनिशन रोकने जैसी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
छात्रों से वसूली जा रही है भारी रकम
एनएमसी द्वारा जारी एक सार्वजनिक नोटिस में, आयोग ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन (PGMIR), 2023 के बारे में बताया, जिसमें लिखा है कि “कॉलेज के लिए पोस्ट-ग्रेजुएट छात्रों को उचित आवासीय आवास प्रदान करना अनिवार्य होगा. हालांकि, यह पीजी छात्रों के लिए छात्रावास में रहना अनिवार्य नहीं होगा.”
पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक एनएमसी ने कहा कि उन्हें पीजी छात्रों से कई शिकायतें मिली हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मेडिकल कॉलेज उन्हें अपने द्वारा दिए गए छात्रावासों में रहने के लिए मजबूर कर रहे हैं और इस मद में संस्थानों द्वारा भारी रकम वसूल की जा रही है.
एनएमसी द्वारा कॉलेजों पर की जाएगी कार्रवाई
एनएमसी द्वारा जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि “सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों को उपर्युक्त विनियमन का संज्ञान लेने के लिए निर्देशित किया जाता है, ऐसा न करने पर एनएमसी पीजीएमईआर, 2023 के नियमों 9.1 और 9.2 के अनुसार कार्रवाई कर सकता है, जिसमें आर्थिक जुर्माना, सीटों में कमी, एडमिशन रोकना आदि शामिल है.