दिल्ली और एनसीआर में सोमवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के ये झटके काफी देर तक महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.1 मापी गई. भूकंप का केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास बताया जा रहा है. भूकंप के ये झटके इतने जबरदस्त थे कि कई इलाकों में लोग डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए.
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि मंगलवार तड़के चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र के एक दूरदराज के हिस्से में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया. स्थानीय समयानुसार देर रात दो बजे के बाद अक्सू प्रान्त में वुशू काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप के बाद कई बार आफ्टर शॉक्स महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 4.5 तक मापी गई है.
वहीं अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे ने बताया कि भूकंप तियान शान माउंटेन रेंज में आया. पिछली शताब्दी में इस क्षेत्र में सबसे बड़ा भूकंप 1978 में मंगलवार तड़के लगभग 200 किलोमीटर उत्तर में 7.1 तीव्रता का था. भूकंप के झटके पड़ोसी देश किर्गिस्तान और कजाकिस्तान तक भी महसूस किए गए.
क्यों आता है भूकंप?
धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं. ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं. एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है. इसे ही भूकंप कहते हैं. भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं. जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं.
रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है. भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है. यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है. 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है. 9 यानी सबसे ज्यादा. बेहद भयावह और तबाही वाली लहर. ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं. अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है.
कितनी तीव्रता कितनी खतरनाक?
कोई भूकंप कितना खतरनाक है? इसे रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा खतरनाक होता है.
– 0 से 1.9 की तीव्रता वाले भूकंप का पता सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही चलता है.
– 2 से 2.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है.
– 3 से 3.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे मानो बगल से कोई ट्रक गुजर गया हो.
– 4 से 4.9 की तीव्रता के भूकंप में खिड़कियां टूट सकतीं हैं. दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं.
– 5 से 5.9 की तीव्रता वाले भूकंप में घर का फर्नीचर हिल सकता है.
– 6 से 6.9 की तीव्रता वाला भूकंप इमारतों की नींव को दरका सकता है, ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है.
– 7 से 7.9 की तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतें ढह जातीं हैं. जमीन के अंदर पाइप लाइन फट जातीं हैं.
– 8 से 8.9 की तीव्रता के भूकंप में इमारतों के साथ-साथ बड़े-बड़े पुल भी गिर सकते हैं.
– 9 या उससे ज्यादा की तीव्रता का भूकंप आने पर जमकर तबाही मचती है. कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती हिलती हुई दिखाई देगी. समंदर नजदीक हो तो सुनामी आ सकती है.