अभय चौटाला।
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लोकसभा के चुनाव में इस बार अभय चौटाला अपने बेटे को चुनाव में उतारने की तैयारी में है। हालांकि कौन सी सीट से लड़ेंगे, इसके पत्ते उन्होंने अभी नहीं खोले हैं। चौधरी ओम प्रकाश चौटाला व भाजपा-जजपा गठबंधन समेत कई मुद्दों पर अभय सिंह चौटाला ने अपनी बेबाक राय रखी। पेश हैं उनसे बातचीत के मुख्य अंश।
सवाल : तीन महीने बाद लोकसभा चुनाव हैं। इनेलो कितनी तैयार है।
जवाब : इनेलो ने लोकसभा चुनाव के लिए हलका वाइज एक प्रभारी नियुक्त किया है, जो लोगों से फीडबैक ले रहा है कि पार्टी का प्रत्याशी कैसा और कौन होना चाहिए। प्रभारी अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और वह पार्टी को सौपेंगे। वहीं, हम संगठन को मजबूत करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। पार्टी का प्रदेश में सदस्यता अभियान चल रहा है।
15 फरवरी तक पांच लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा हम समय-समय पर लोगों के बीच जा रहे हैं। 21 जनवरी को कैथल में यूथ सम्मेलन है। मौजूदा सरकार को लेकर युवाओं में काफी नाराजगी है। युवा बदलाव चाहते हैं। 11 फरवरी को अंबाला के बराड़ा में वाल्मीकि जयंती पर रैली करेंगे। 18 फरवरी को हिसार के बरवाला में किसान सम्मेलन आयोजित कर रहे हैं। इस तरह से हम आगामी चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
सवाल : इनेलो चुनाव अकेले लड़ेगी या इंडिया गठबंधन के साथ।
जवाब : देखिए चौधरी ओम प्रकाश चौटाला ने फतेहाबाद रैली में विपक्ष के नेताओं से आग्रह किया था कि नॉन कांग्रेस और नॉन बीजेपी एक तीसरा फ्रंट बनाएं, ताकि आने वाले समय में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया जाए और कांग्रेस को सत्ता से दूर रखा जाए। लोग पहले कांग्रेस से नाराज थे। अब भाजपा से परेशान हैं। अब कांग्रेस ही उसका हिस्सा बनने की कोशिश कर रही है। इंडिया गठबंधन में कांग्रेस ने मनमर्जी चलानी शुरू कर दी। छोटे दलों पर नियंत्रण बनाने की कोशिश कर रही। रीजनल पार्टियां किसी की मोहताज नहीं है। यदि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कोई निस्वार्थ कोई सम्मानजनक बात करेगा तो उससे बातचीत जरूर करेंगे।
सवाल : तो कांग्रेस यदि बातचीत के लिए आती है तो क्या बात करेंगे
जवाब : कोई भी हो। हरियाणा प्रदेश के हितों के लिए जो निस्वार्थ बात करेगा तो उससे बातचीत हो सकती है।
सवाल : इंडिया गठबंधन ने क्या कभी आपसे संपर्क करने की कोशिश की
जवाब : कई दफा इस बारे में चर्चा हुई। लेकिन इनेलो ने स्पष्ट कर दिया है कि पहले यह तय होना चाहिए कि कितनी सीटों पर कौन-कौन लड़ेगा। ऐसा नहीं होना चाहिए कि आखिरी वक्त में इस पर विवाद हो जाए कि हम तो आपको इतनी सीट दे सकते हैं। पहले सीटे तय होनी चाहिए। तभी बातें आगे बढ़ती हैं।
सवाल : क्या बसपा से भी आपकी बातचीत चल रही है
जवाब : बातचीत तो सबसे चलती है। मैंने एक ही बात कही है कि प्रदेश हित के बारे में कोई बात करेगा तो बात आगे बढ़ेगी। फिलहाल अभी बसपा से कोई बातचीत नहीं हुई है। इनेलो अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
सवाल : चर्चा है कि लोकसभा चुनाव में आप अपने बेटे को उतार सकते हैं।
जवाब : बिल्कुल उतारेंगे। यह मेरा नहीं बल्कि पार्टी का फैसला होगा। यदि पार्टी ने कहा तो जरूर उतारेंगे। अभी किसी के लिए कोई सीट नहीं देखी है।
सवाल : चौधरी ओमप्रकाश चौटाला लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगे
जवाब : चौटाला साहब हमारे से भी ज्यादा फिट हैं। वह तो आज की तारीख में भी 300-400 किलोमीटर का सफर रोज करते हैं। जब भी उन्हें अपने साथियों की सुख-दुख की खबर मिलती है तो वह जरूर जाते हैं। पिछले दिनों की देवगौड़ा साहब की तबियत खराब होने की खबर उन्हें मिली थी और वह उनसे मिलने बंगलूरू चले गए थे।
सवाल : पिछले दिनों अपने राज्य की काफी यात्राएं की। क्या माहौल देखने को मिला
जवाब : लोग इस सरकार से खुश नहीं है। बुरा हाल है। सड़कें हैं नहीं। स्कूलों में टीचर नहीं है। अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है। युवा रोजगार के लिए बाहर जा रहे हैं। गांव के गांव खाली हो गए हैं। नौ लाख से ज्यादा लोगों के पीले कार्ड काट दिए गए। छह लाख लोगों की बुजुर्गों की पेंशन काट दी गई। सीएम साहब जनसंवाद में जाते हैं और वहां पहले से ही बुजुर्गों को बैठा दिया जाता है। फिर कहते हैं कि सीएम साहब ने मौके पर ही पेंशन बना दी। सीएम ऐसी योजना क्यों नहीं बनाते, जिससे किसी की पेंशन बनने में कोई दिक्कत ही न आए। चौधरी देवीलाल ने पेंशन के लिए कभी किसी की आय नहीं देखी केवल उम्र देखी थी। कैसे बुढ़ापा पेंशन काटी जाए, इसके लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी दोषी हैं। हुड्डा ने विधानसभा में एक लाख 40 हजार की आय का कानून बनाने का काम किया था। हमने इसका विरोध किया और उस वक्त यह रुक गई। भाजपा ने उसे लागू कर दिया। उसने 40 के बजाय 80 कर दिया।
सवाल : भाजपा-जजपा गठबंधन पर आपकी क्या राय है। क्या यह गठबंधन लोकसभा चुनाव तक चलेगा।
जवाब : लोग इस बार दोनों को नकार देंगे। चाहे गठबंधन के साथ लड़ें या अलग-अलग। सबको पता है कि यह लूट का गठबंधन था।
इनके गठबंधन में तो कई सारे घोटाले हुए हैं। शराब घोटाले की आज तक रिपोर्ट सामने नहीं आई। रजिस्ट्री घोटाला, दवा खरीद घोटाला और धान घोटाला किसी की जांच रिपोर्ट सामने नहीं आती है। सब ठंडे बस्ते में डाल दी जाती। प्रदेश की जनता ने हमें मौका दिया तो हम इन घोटालों की जांच जरूर करवाएंगे और राज्य को लूटने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।
सवाल : भविष्य में कभी जजपा के विलय की संभावना है
जवाब : सवाल ही नहीं बनता।
सवाल : देवीलाल की विरासत को लेकर अलग-अलग दावे होते हैं, उनकी विरासत को कौन संभालेगा।
जवाब : चौधरी देवीलाल के नाम पर वोट मांगना और उनकी नीतियों को आगे बढ़ाने में दोनों में बहुत अंतर है। उनके नाम पर वोट तो मिल सकते हैं, लेकिन उनकी सोच को आगे बढ़ाना हर किसी के बस की बात नहीं है। विरासत को लेकर कोई भी दावे करे, मगर लोगों को पता है कि चौधरी देवीलाल की नीतियों को कौन आगे बढ़ा सकता है। इसीलिए लोग हमारे साथ हैं। ये लोग जो दस सीट जीत गए थे, भविष्य में कभी नहीं जीतेंगे। काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। इन लोगों (जजपा) ने नूंह में चौधरी देवीलाल की एक प्रतिमा लगवाई थी। आप जाओ और आज उसकी हालत देखो। बदतर हालत हो गई है उसकी। चौधरी देवीलाल के नाम पर जो पार्क बने हैं, आज उनकी हालत देखो।
चौधरी देवीलाल के नाम से केएमपी बना था, ये जिस दिन सत्ता में शामिल हुए थे, उन्हें सामने से यह बात रखनी चाहिए थी कि केएमपी का नाम बदलकर देवीलाल रखा जाए। मगर इन्होंने एक भी बार अपनी बात नहीं रखी। रणजीत सिंह चौटाला जो बिजली मंत्री हैं, खुद को देवीलाल का वारिस बताते हैं। जब ये कांग्रेस में थे तो पानीपत थर्मल पावर प्लांट की एक यूनिट जिसका नाम देवीलाल पर था तो हुड्डा ने उसका नाम बदल दिया था। उस समय रणजीत चौटाला ने एक भी शब्द नहीं बोला। अब जब ये बिजली मंत्री है तब भी मैंने उनसे कहा था कि अब तो उसका नाम बदल दो, मगर नहीं बदला।
सवाल : विधानसभा में स्पीकर के साथ आपकी बहस की काफी चर्चा रहती है।
जवाब : मेरा गुप्ता जी के साथ कोई व्यक्तिगत तकरार नहीं है। किसी सदस्य से भी कोई झगड़ा नहीं है। मैं अपनी बात तथ्यों के साथ विधानसभा में रखता हूं। यदि किसी सवाल पर सरकार कोई जानकारी छिपाती है तो सदस्य तो सवाल पूछेंगे ही। हर सवाल का मंत्री को जवाब देना चाहिए। लेकिन वह बोलते नहीं और स्पीकर साहब उनके पक्ष में बोलकर उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं। जबकि स्पीकर को विपक्ष को ज्यादा तवज्जो देनी चाहिए। हां जब कोई सीमाओं से बाहर जाकर कोई बोले तो उसे जरूर समझाएं।