- Hindi News
- National
- ISRO Chief S Somanath | India Planning To Launch 50 Satellites In Five Years
मुंबई1 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
इसरो चीफ IIT बॉम्बे के 3 दिन तक चलने वाले टेकफेस्ट में शामिल होने पहुंचे थे।
भारत का अंतरिक्ष शोध संगठन ISRO अगले 5 साल में 50 सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। ये सैटेलाइट्स जिओ इंटेलीजेंस जुटाने में मदद करेंगे। ISRO पृथ्वी की अलग-अलग ऑर्बिट्स में सैटेलाइट्स स्थापित करेगा, जो सेना के मूवमेंट और हजारों किलोमीटर एरिया की तस्वीरें इकट्ठा करने की क्षमता रखते हों।
यह जानकारी इसरो चीफ एस सोमनाथ ने आईआईटी बॉम्बे के एनुअल साइंस फेस्ट के दौरान कहीं। उन्होंने बताया कि भारत ने G20 देशों से पेलोड-उपकरणों के जरिए G20 सैटेलाइट में योगदान की मदद मांगी है। जिसे अगले 2 साल में लॉन्च किया जाएगा।
PM मोदी ने सितंबर 2023 में दिया था G20 सैटेलाइट का सुझाव
सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी-20 सैटेलाइट लॉन्च करने का प्रस्ताव रखा था, जिसके जरिए जलवायु और पर्यावरण का अध्ययन किया जा सके। इसरो चीफ ने कहा कि मौसम और जलवायु आने वाले वक्त में बहुत महत्वपूर्ण होंगे। भारत चाहता है कि वायु प्रदूषण, ग्रीन हाउस गैस, सागरों के व्यवहार, मिट्टी और रेडिएशन जैसे फैक्टर्स की स्टडी के जरिए इन क्षेत्रों में योगदान करे।
सोमनाथ बोले- हमने इसके लिए एक सैटेलाइट बनाने का प्रस्ताव रखा है और हम चाहते हैं कि जी-20 देश भारत में आकर इसके लिए उपकरण और संसाधन बनाएं और कंट्रीब्यूशन करें। हम यह सैटेलाइट 2 साल के भीतर लॉन्च करेंगे और यह दुनिया के लिए भारत का योगदान होगा। हम चाहते कि इससे मिलने वाला डेटा पूरी दुनिया को मिले ताकि वो अपनी रिसर्च में इसका इस्तेमाल कर सकें।
देश के पहले सोलर मिशन के बारे में एस सोमनाथ ने कहा कि आदित्य-L1 6 जनवरी को शाम 4 बजे लैग्रेंज प्वाइंट पहुंचने वाला है।
ताकतवर देश वही जो जान सके, पड़ोस में क्या हो रहा है- इसरो चीफ
इसरो चीफ ने कहा कि अंतरिक्ष यान किसी देश की सीमाओं और पड़ोसी क्षेत्रों की निगरानी करने में सक्षम हैं। हम भी इसके लिए सैटेलाइट लॉन्च कर रहे हैं, लेकिन अब सोचने का एक अलग तरीका है। हम भी इसे सबसे अहम रखकर काम कर रहे हैं क्योंकि किसी भी राष्ट्र की शक्ति यह समझने की क्षमता है कि उसके आसपास क्या हो रहा है।
सोमनाथ ने बताया कि अगले 5 साल में 50 सैटेलाइट कॉन्फ़िगर हो चुके हैं। अगर भारत ने इस पैमाने पर सैटेलाइट लॉन्च करता है तो देश के लिए सामने आने वाले खतरों को बेहतर ढंग से निपटाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा हमने एक ऐसा तरीका खोजा है जिसके जरिए सैटेलाइट्स की एक परत को GEO (जियोस्टेशनरी इक्वेटोरियल ऑर्बिट) से शुरू करके LEO ( लो इक्वेटोरियल ऑर्बिट) और वैरी लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया जा सकता है, जहां हमें कुछ जगहों पर बहुत महत्वपूर्ण वैल्यूएशन की जरूरत होती है।
ये खबर भी पढ़ें…
ISRO 1 जनवरी को लॉन्च करेगा पहला पोलरिमेट्री मिशन
इसरो (ISRO) 1 जनवरी 2024 को देश का पहला पोलरिमेट्री मिशन लॉन्च करने वाला है। यह लॉन्चिंग सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9:10 बजे होगी। इसमें PSLV-C58 के साथ एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट (XPoSat) को भेजा जाएगा। यह सैटेलाइट एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों की स्टडी करेगा। पढ़ें पूरी खबर…