- Hindi News
- National
- Lok Sabha Election 2024 Campaign Guideline Update; BJP Congress | Election Commission
नई दिल्ली17 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
लोकसभा चुनाव से पहले इलेक्शन कमीशन ने राजनीतिक पार्टियों के लिए गाइडलाइन्स जारी की है।
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के लिए गाइडलाइन जारी की है। आयोग ने पार्टियों को इलेक्शन कैंपेन में दिव्यांगों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने पार्टियों से कहा- दिव्यांगों के लिए गूंगा, पागल, सिरफिरा, अंधा, काना, बहरा, लंगड़ा, लूला, अपाहिज जैसे शब्दों का इस्तेमाल न किया जाए। कैंपेन के दौरान नेताओं की स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज में ऐसे शब्दों को इस्तेमाल न हों। अगर इसका उल्लंघन हुआ तो दिव्यांगजन अधिकार एक्ट, 2016 के सेक्शन 92 के तहत 5 साल तक की जेल हो सकती है।
चुनाव आयोग ने दिए ये निर्देश
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को रिव्यू करना होगा।
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और प्रेस रिलीज को दिव्यांगों के लिए भी जारी करना होगा।
- पार्टियों को कैंपेन के दौरान स्पीच, सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन प्रेस रिलीज समझने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
- पार्टियां अपनी वेबसाइट पर बताना होगा कि उनकी पार्टी दिव्यांगों को भी सामान्य लोगों की तरह सम्मान से देती है।
- पार्टियों को अपने कार्यकर्ताओं को दिव्यांगों से संपर्क करने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल जारी करना होगा।
- पार्टियों को दिव्यांगों की शिकायत सुनने के लिए अथॉरिटी भी अप्वॉइंट करनी चाहिए।
- पार्टियों को दिव्यांग लोगों को कार्यकर्ता या मेंबर बनाना चाहिए। इससे दिव्यांगों की चुनाव में भागीदारी बढ़ेगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान दिव्यांगों को वोट फ्रॉम होम की सुविधा थी।
दिव्यांगों के लिए वोट फ्रॉम होम की सुविधा
चुनाव आयोग ने बीते कुछ समय से दिव्यांगों का वोट प्रतिशत बढ़ाने की कई कोशिशें की हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 से दिव्यांगों के लिए खास सुविधा शुरू हुई है। इसमें 40% से ज्यादा विकलांग लोग घर से वोट डाल सकते थे। इसके लिए उन्हें चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के 5 दिन के अंदर एक फॉर्म भरना होता था। इसके बाद सरकारी कर्मचारी वोटिंग के लिए दिव्यांगों घर पहुंचे थे। इस प्रोसेस की वीडियोग्राफी भी की गई थी। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी ये सुविधा थी।
ये खबर भी पढ़ें…
चुनाव आयुक्त चुनने में PM की राय सबसे भारी होगी: विशेष सत्र में प्रस्तावित विधेयक पास हुआ तो क्या-क्या बदल जाएगा
सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा रख दिया है। इसमें तमाम काम-काज के बीच चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक भी पेश किया जाएगा। ये विधेयक पारित होने के बाद चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली 3 सदस्यीय कमेटी करेगी। इसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक नामित कैबिनेट मंत्री शामिल होंगे। कैबिनेट मंत्री का नाम प्रधानमंत्री तय करेंगे। पूरी खबर पढ़ें…